VijayaDashami: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 97 साल पूरे हो चुके हैं. हर बार की तरह इस बार भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विजयदशमी कार्यक्रम संघ मुख्यालय, नागपुर में हो रहा है. इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पहली बार एक महिला संतोष यादव को चीफ गेस्ट बनाया है. संतोष यादव पर्वतारोही हैं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि संघ पूरे विश्व के कल्याण में लगा हुआ है. इस दौरान मातृशक्ति की उपेक्षा नहीं की जा सकती. इससे पहले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय में शस्त्र पूजन का कार्यक्रम में संपन्न हुआ, साथ ही नागपुर में संघ के स्वयंसेवकों ने पथ संचालन भी किया.
मातृशक्ति की उपेक्षा नहीं की जा सकती
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि जो सब काम मातृ शक्ति कर सकती है वह सब काम पुरुष नहीं कर सकते, इतनी उनकी शक्ति है और इसलिए उनको इस प्रकार प्रबुद्ध, सशक्त बनाना, उनका सशक्तिकरण करना और उनको काम करने की स्वतंत्रता देना और कार्यों में बराबरी की सहभागिता देना अहम है. उनकी उपेक्षा नहीं की जा सकती. मोहन भागवत ने आगे कहा कि हम उन्हें जगतजननी मानते हैं, लेकिन उन्हें पूजाघर में बंद कर देते हैं ये ठीक नहीं है. मातृशक्ति के जागरण का कार्यक्रम अपने परिवार से प्रारंभ करना होगा, फैसला लेने में महिलाओं को भी साबित करना होगा.
इस कार्यक्रम का आरएसएस के ट्विटर हैंडल पर लाइव प्रसारण भी किया गया. देखें:
श्री विजयादशमी उत्सव I राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ,नागपुर महानगर I युगाब्द 5124 https://t.co/AsjNBSJgbm
— RSS (@RSSorg) October 5, 2022
आज भारत की बात पूरी दुनिया सुन रही है
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है. हमने लंका को उसके आर्थिक संकट में मदद की. यूक्रेन में अमेरिका और रूस की लड़ाई में हमने अपने हित को सबसे आगे रखा. मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में हम लगातार सफल होते जा रहे हैं और स्वावलंबी होते जा रहे हैं. इस नवोत्थान की आहट सुनकर हम भी प्रसन्न हो रहे हैं. अपने संबोधन में मोहन भागवत ने कहा कि आज दुनिया भारत की तरफ देख रही है. दुनिया भर में भारत की विश्वसनीयता बढ़ रही है. आज भारत की बात पूरी दुनिया सुन रही है.
जनसंख्या और रोजगार पर भी कही बड़ी बात
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रोज़गार मतलब नौकरी और नौकरी के पीछे ही भागेंगे और वह भी सराकरी. अगर ऐसे सब लोग दौड़ेंगे तो नौकरी कितनी दे सकते हैं? किसी भी समाज में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर ज़्यादा से ज़्यादा 10, 20, 30 प्रतिशत नौकरी होती है. बाकी सब को अपना काम करना पड़ता है. RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बढ़ती जनसंख्या पर भी अपनी बात रखी. यह सही है कि जनसंख्या जितनी अधिक उतना बोझ ज़्यादा. जनसंख्या का ठीक से उपयोग किया तो वह साधन बनता है. हमको भी विचार करना होगा कि हमारा देश 50 वर्षों के बाद कितने लोगों को खिला और झेल सकता है. इसलिए जनसंख्या की एक समग्र नीति बने और वह सब पर समान रूप से लागू हो.
'मैं पहले संघ के बारे में नहीं जानती थी'
पर्वतारोही संतोष यादव ने अपने संबोधन में कहा कि अक्सर मेरे व्यवहार और आचरण से लोग मुझसे पूछते थे कि 'क्या मैं संघी हूं?' तब मैं पूछती की वह क्या होता है? मैं उस वक्त संघ के बारे में नहीं जानती थी. आज वह प्रारब्ध है कि मैं संघ के इस सर्वोच्च मंच पर आप सब से स्नेह पा रही हूं.
अक्सर मेरे व्यवहार और आचरण से लोग मुझसे पूछते थे कि 'क्या मैं संघी हूं?' तब मैं पूछती की वह क्या होता है? मैं उस वक्त संघ के बारे में नहीं जानती थी। आज वह प्रारब्ध है कि मैं संघ के इस सर्वोच्च मंच पर आप सब से स्नेह पा रही हूं: पर्वतारोही संतोष यादव https://t.co/7UtwWGTvx6 pic.twitter.com/nlb4h7Y9eF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 5, 2022
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय में आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद हैं. नागपुर में आरएसएस के स्वयंसेवकों ने विजयादशमी उत्सव के मौके पर पथसंचलन किया. डॉ हेडगेवार स्मृति मंदिर रेशमीबाग से यह पथसंचलन शुरु हुआ और शहर के अन्य मार्ग से होता हुआ वापस रेशमीबाग पहुंचा.
HIGHLIGHTS
- आरएसएस की स्थापना के 97 साल पूरे
- संघ मुख्यालय पर वार्षिक कार्यक्रम
- पहली बार महिला बनीं मुख्य अतिथि
Source : News Nation Bureau