विकास दुबे एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) की जांच के लिए यूपी सरकार द्वारा बनाए गए न्यायिक आयोग के पुनर्गठन पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज अपना फैसला सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट की राय के मुताबिक अब जांच आयोग में सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज और एक रिटायर्ड डीजीपी का नाम भी जोड़ा जाएगा. इसके बाद अब यूपी सरकार नए जांच आयोग के गठन के नोटिफिकेशन का ड्राफ्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी.
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यूपी सरकार से मांगा था जवाब
सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा था कि ये पहलू भी देखा जाना चाहिए कि यूपी के सीएम व डिप्टी सीएम जैसे लोगों ने क्या बयान दिए? क्या वैसा ही पुलिस ने भी किया? सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार के कई सवाल भी किए. सुप्रीम कोर्ट का साफ कहना था कि प्रदेश का कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. सरकार से कहा गया कि गिरफ्तारी, ट्रायल और फिर अदालत से सजा, यही न्यायिक प्रकिया है और इसका पालन करना चाहिए.
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राज्य सरकार ने किया जांच कमेटी का गठन
चीफ जस्टिस बोबडे ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा था कि हमको बताइए कि यह हैदराबाद एनकाउंटर से किस तरह से यह एनकाउंटर अलग है. सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल से कहा, ' हमको मत बताइए कि विकास दुबे क्या था'. याचिकाकर्ता ने कहा था कि 2017 से राज्य में 1700 से ज्यादा एनकाउंटर हुए. याचिकाकर्ता ने मामले की सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच कराने की मांग की. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि निष्पक्ष जांच चल रही है. विकास 65 FIR वाला कुख्यात गैंगस्टर जो इन दिनों परोल पर बाहर था.
Source : News Nation Bureau