पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में हिंसा को पूर्व नियोजित बताया गया है. इस कमेटी में पूर्व न्यायधीश, पूर्व डीजीपी, नौकरशाहों आदि शामिल है. पांच सदस्यीय इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी को सौंप दी है. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बंगाल विधान चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद यानी 2 मई की रात से राज्य के अलग अलग शहरों और गावों में हिंसा रिपोर्ट की गई. जिससे ये पता चलता है की ये हिंसा पहले से सुनियोजित थी और इसे प्लान किया गया था.
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि राज्य के बड़े माफिया और क्रिमनल जिनके खिलाफ बंगाल में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. उन्होंने इस काम को अंजाम दिया जिससे ये साबित होता है कि ये एक राजनीतिक बदला लेने का प्रयास था. रिपोर्ट में कहा गया कि जिन्होंने वोट नहीं दिया उन्हें मारा गया और उनके घर तोड़ दिए. यहां तक कि लड़कियों और महिलाओं के साथ रेप भी किया गया. हिंसा के दौरान उन लोगों को टारगेट किया गया जो रोजी रोटी के लिए हर रोज कमाते है और खाते हैं , उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया.
लोगों को दी गई धमकी
रिपोर्ट में कहा गा कि पीड़ित लोगों को डराया गया की कोई भी पुलिस से शिकायत ना करे. थाने में बुलाकर सभी पीड़ित लोगों को किसी भी प्रकार का कोई पुलिस प्रोटेक्शन नहीं दिया गया. यहां तक कि पुलिस ने भी उन्हें डराया और धमकाया. आधार कार्ड, राशन कार्ड, जबरन वापस लिए गए और कहा गया की एक विशेष राजनीतिक दल को सपोर्ट न करें.
Source : News Nation Bureau