लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनाव और बढ़ गया है. सोमवार रात गलवान घाटी पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक टकराव में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं. 70 के दशक के बाद पहली बार एलएसी पर भारतीय जवान शहीद हुए हैं. 1962 में भारत और चीन युद्ध के बाद से एलएसी पर तनाव की खबरें तो आती थीं लेकिन भारतीय सेना का कोई जवान शहीद नहीं हुआ था. आज करीब 50 साल बाद LAC पर भारत और चीनी सैनिक के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारतीय सेना के अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं.
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भारत-चीन सीमा पर पिछले कई दिनों से विवाद जारी है. चीन लगातार कह रहा है कि वह बातचीत के जरिए मामले को सुलझाना चाहता है, लेकिन वह पीछे हटने से भी मना कर रहा है. भारत ने साफ कर दिया था कि चीन के सिपाहियों को पीछे हटना ही होगा. एलएसी पर बदली परिस्थिति को भारत स्वीकार नहीं करेगा. उधर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन दोनों देशों ने अस्वीकार कर दिया था.
हाल ही में दोनों देशों में तय हुआ था कि चीन की सेना गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15 और 17 ए से पीछे हटेगी. चीन सेना श्योक नदी और गलवान नदी के मुहाने तक आ गई थी. धीरे-धीरे पीछे हट भी रही थी, लेकिन इसमें चीनी सेना के इरादे नेक नहीं थे. एक दिन पहले ही तय हुआ था कि चीन की सेना पूरी तरह पीछे जाएगी.
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इस फैसले के बाद चीनी सेना ने पीछे जाने से मना कर दिया था हिंसक झड़प शुरू हो गई, जिसमें हमारे सीनियर अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए. अभी चीन की ओर से किसी जवान के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है. सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.
Source : News Nation Bureau