नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal - एनजीटी) ने गुरुवार को विशाखापत्तनम गैस लीक घटना (Vizag Gas Leak Case) का संज्ञान लिया, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती हैं. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करेगी. इसके अलावा, इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति के गठन की मांग करने वाली एक याचिका भी दाखिल की गई है.
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विशाखापत्तनम जिले के गोपालपट्टनम आर.आर. वेंकटपुरम गांव में गुरुवार तड़के तीन बजे रासायनिक संयंत्र में स्टाइरीन गैस लीक की घटना घटी. इस गैस ने नारवा, बीसी कॉलोनी, बापूजी नगर, कम्पलापालम और कृष्णा नगर के आसपास के गावों को प्रभावित किया है. स्टाइरीन गैस की प्रकृति विषाक्त है, औैर इससे लोगों में त्वचा, आंखों में जलन और सांस संबंधित दिक्कतें पैदा हुई हैं.
एक दिन पहले करीब ढाई बजे रात को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विशाखापत्तनम में एक फार्मा कंपनी में रासायनिक गैस लीकेज होने से अब तक 11 लोगों की जान चली गई है, जबकि करीब 1000 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एहतियातन प्रशासन ने कंपनी के आसपास के करीब 5 गांवों को खाली करवा दिया था.
एल.जी पॉलिमर नाम की यह फार्मा कंपनी विशाखापत्तनम के आर.आर. वेंकटपुरम गांव में स्थित है. गुरुवार को सुबह रासायनिक गैस लीकेज की सूचना मिली. लोगों को पहले आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ हुई. शिकायत के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. सैकड़ों लोगों को सिर दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल भर्ती कराया गया.
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हालात को काबू करने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी लगाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की. पीएम मोदी ने आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन से बात कर उन्हें उचित मदद का भी आश्वासन दिया.
Source : IANS