राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने अपने खिलाफ लेख छापने के लिए कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कारवाँ मैगजीन के सम्पादक व आर्टिकल लेखक कौशल श्रॉफ के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज़ कराई है. कल मंगलवार को इस मामले की सुनवाई हो सकती है. कारवां मैगजीन में दावा किया गया था कि विवेक डोभाल केमैन आइलैंड में हेज फंड (निवेश निधि) चलाते हैं. केमैन आइलैंड टैक्स हेवन के रूप में जाना जाता है और ये हेज फंड 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा के महज 13 दिन बाद रजिस्टर्ड किया गया था.
जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि विवेक डोभाल ने केमन आइसलैंड टेक्स हेवन कंट्री (कर मुक्त प्रदेश) में जो फंड लिया है, उसमें बड़ा घालमेल है. आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के 13 दिन बाद ही विवेक डोभाल ने केमन आइसलैंड में जीएनवाई एशिया नाम से एक फंड लिया था. जयराम रमेश ने आरबीआई से इस मामले की जांच कराने की मांग करते हुए कहा था- जीएनवाई एशिया की इस एफडीआई में डोभाल की क्या भूमिका रही है, वे बताएं. यह मामला सीधे तौर पर भ्रष्टाचार से जुड़ा है. डोभाल को यह बताना होगा कि 12 माह में इतनी ज्यादा एफडीआई कैसे आ गई, जो 17 साल में कभी नहीं आ सकी. ये सब बातें आरबीआई की रिपोर्ट में दर्ज हैं.
रमेश ने कहा था- जीएनवाई एशिया के दो निदेशक हैं. एक विवेक डोभाल और दूसरे डॉन डब्लू ई-बैंकर्स. ये नाम पनामा पेपर और पैराडाइज में भी देखे गए हैं. डोभाल के दोनों बेटों विवेक और शौर्य डोभाल के पास ही ज्यूस स्ट्रेटजिक मेनेजमेंट एडवाइजर का फंड भी है. डोभाल बताएं कि जीएनवाई और ज्सूस का क्या रिश्ता है.