दिल्ली एमसीडी चुनाव से पहले शुंगलू समिति की जिस रिपोर्ट पर इस राजनीति गरमायी हुई है, उस समिति के अध्यक्ष वीके शुंगलू ने भी केजरीवाल सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। वीके शुंगलू ने कहा है कि सरकार ने संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन किया है।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार दिल्ली सरकार पर अनियमितता का आरोप लगाया गया है। इस रिपोर्ट में पार्टी के दफ्तर से लेकर अपने लोगों को नियुक्ति देने तक हर किसी चीज पर रिपोर्ट पेश की गयी है, जिसमें संविधान के नियमों से आगे जाकर इन चीजों को पूरा किया गया।
रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों बारी बारी से आम आदमी पार्टी को घेर रही है। शुंगलू समिति को लेकर आप के नेता आशुतोष ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि चुनाव आते ही बीजेपी ऐसे-ऐसे हथकंडे अपनाती है।
शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा भी मांगा है। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि आप सरकार के खिलाफ शुक्रवार को कांग्रेस सभी 272 वॉर्डों में काला दिवस मनाएगी और प्रदर्शन करेगी।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट में उजागर किए गए दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और गैर कानूनी तरीके से किए गए कार्यों का भंडाफोड़ हो गया है।
माकन ने कहा कि ऐसे में सीएम अरविंद केजरीवाल को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। माकन ने मांग की कि केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय शुंगलू कमेटी रिपोर्ट पर सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करके केजरीवाल सरकार पर कार्रवाई करे।
रिपोर्ट में जिन बातों का खुलासा किया गया है उसे लेकर कांग्रेस ने केजरीवाल पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगा है। रिपोर्ट में कई अन्य बातें हैं जिन्हें लेकर राजनीतिक हलको में बवाल मचा हुआ है। रिपोर्ट के कुछ अंश यहां भी पढ़ सकते हैं।
1. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की बेटी सौम्या जैन को दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक प्रॉजेक्ट में मिशन डायरेक्टर सलाहकार पद पर नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
2. निकुंज अग्रवाल को हेल्थ मिनिस्टर के ओएसडी के रूप में नियुक्त किए जाने पर भी सवाल उठाया गया है। कहा गया है कि यह नियुक्ति प्रोसेस से जुड़े नियमों का उल्लंघन है।
3. 206, राउज एवेन्यू बंगले को आम आदमी पार्टी के कार्यालय के रूप में आवंटित करने पर सवाल उठाए गए हैं और शुंगलू समिति ने कहा कि पार्टी कार्यालय बनाने के लिए AAP सरकार को भूमि आवंटन का फैसला रद्द करना चाहिए।
4. रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 150 ऐसे फैसले हैं, जिनमें कैबिनेट एजेंडे को लेकर एलजी को कोई पूर्व जानकारी नहीं दी गई है।
Source : News Nation Bureau