राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी को प्रदान किया गया गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण सोमवार को एक दिन के लिए बढ़ा दिया. हिंदुस्तान पावरप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष पुरी 27 जुलाई को अदालत पहुंचे थे और मामले में अग्रिम जमानत मांगी थी.
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उन्होंने कहा था कि उन्हें मामले में गिरफ्तार किये जाने का भय है. अदालत ने शनिवार को उन्हें आज तक के लिए अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था. उन्होंने जिरह के दौरान विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार से कहा कि वह जांच में सहयोग कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी की कोई जरूरत नहीं है.
पुरी हाल में मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए थे जो कि अगस्ता वेस्टलैंड के साथ अब रद्द हो चुके 3600 करोड़ रुपये के हेलीकॉप्टर सौदे से संबंधित है. ‘हिंदुस्तान पॉवर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ के अध्यक्ष पुरी ने पिछले दिनों अदालत से कहा था कि मध्य प्रदेश में कुछ दिन पहले भाजपा के दो विधायक सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे और अब ईडी उन्हें (पुरी) गिरफ्तार करना चाहता है, क्योंकि उनके मामा राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
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रतन पुरी ने मामले में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी और अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताई थी. उन्होंने कहा था कि वह जांच में सहयोग कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं है. विशेष न्यायाधीश इंदरजीत सिंह ने पुरी को गिरफ्तारी से 29 जुलाई तक के लिए अंतरिम राहत प्रदान कर दी थी. पुरी को राहत दिए जाने का आग्रह करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने अदालत से कहा कि उनका मुवक्किल भाग नहीं रहा है.
वकील ने पुरी की ओर से अदालत से कहा था कि आप (ईडी) मेरा पासपोर्ट ले सकते हैं. मुझे जब भी बुलाया जा रहा है, मैं ईडी के समक्ष पेश हो रहा हूं. मैं 22 बार पेश हो चुका हूं और आप अचानक से मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं. मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं. कल जब मैं वहां था तो मुझे पता चला कि वे मेरे घर पहुंच गए हैं और मेरे परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं.
Source : BHASHA