प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हवाला ऑपरेटर नरेश जैन को गिरफ्तार किया है. जैन पर संदेह है कि उसने भारत में 600 से अधिक खातों का प्रयोग कर 95,000 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध लेन-देन की सुविधा प्रदान की. एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 की धाराओं के तहत जैन को गिरफ्तार किया. रोहिणी स्थित एक स्थानीय अदालत ने उसे नौ दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया.
जांच एजेंसी ने बुधवार देर रात एक बयान जारी किया और कहा कि जैन को ‘धनशोधन और अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन में उसकी भूमिका के लिए चल रही पीएमएलए जांच’ में गिरफ्तार किया गया है. इसके तहत 554 फर्जी या संदिग्ध कंपनियां, कम से कम 940 संदिग्ध बैंक खाते और 1.07 लाख करोड़ रुपये से अधिक के धन अंतरण एजेंसी की जांच के घेरे में है जिसे देश के सबसे बड़े हवाला और व्यापार आधारित धनशोधन मामलों में से एक बताया जा रहा है. अधिकारी ने कहा कि जैन ने विभिन्न बहानों से विदेश में 11,500 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए.
दिल्ली का यह व्यापारी जांच एजेंसियों की रडार में 2016 से था. अधिकारी ने कहा कि जैन ने प्रतिबंधित नेटवर्क को वित्तपोषित किया था और उसे पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने भी गिरफ्तार किया था. ईडी का धनशोधन केस एनसीबी की शिकायत के आधार पर है. अधिकारी ने दावा किया कि जैन कथित रूप से हवाला चैनल के जरिए फंड ट्रांसफर करने का एक अंतर्राष्ट्रीय सिंडिकेट चलाता है. वह इस कार्य को फर्जी कंपनी, टूर एंड ट्रेवल कंपनी और अपने बैंकिंग नेटवर्क के जरिए अंजाम देता था.
Source : Bhasha/News Nation Bureau