दिल्ली की रॉउज एवेन्यू अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर दिए विवादित बयान के मामले में जमानती वारंट जारी किया है. थरूर ने 28 अक्टूबर 2018 को बंगलौर साहित्य महोत्सव के दौरान विवादित बयान दिया था. शशि थरूर के खिलाफ वारंटी जारी होने के बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
मोदी को बताया था शिवलिंग पर बैठा बिच्छू
शशि थरूर ने बंगलौर साहित्य सम्मेलन में कहा था कि "मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू के समान है. आप उसे अपने हाथ से हटा भी नहीं सकते और न ही चप्पल से मार सकते हैं." इस बयान को लेकर शशि थरूर की काफी आचोलन हुई थी. बीजेपी ने इसे लेकर अपनी कड़ी नाराजगी दर्ज कराई थी.
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बीजेपी नेता ने दर्ज कराया था मामला
बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने थरूर के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. उन्होंने शिकायत करते हुए कहा था कि कांग्रेस नेता के बयान की वजह से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई है. उन्होंनें यह भी कहा कि इससे ना सिर्फ उनकी बल्कि कई कार्यकर्ताओं की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला है. उनके इस बायन से देश में मौजूद लाखों शिवभक्तों की भावनाएं भी आहत हुई है. शशि थरूर ने जानबूझकर शिकायतकर्ता और उसके जैसे शिव भक्तों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया. ये बयान लोगों की घार्मिक विश्वास पर आघात कर , उनकी भावनाओं को भड़काने वाला है. इस मामले में शशि थरूर फिलहाल जमानत पर है.
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तीस हजारी हिंसा पर भी साधा था मोदी पर निशाना
तीस हजारी कोर्ट हिंसा मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्विटर पर पीएम मोदी के नारे 'अच्छे दिन' पर तंज कसा है वो भी हिंदी में. थरूर ने ट्वीट किया, 'पुलिस स्वंय संरक्षण मांगे, वकील मांगते न्याया. अच्छे दिन प्रारम्भ हो गए, ये है प्रथम अध्याय.'
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो