जम्मू-कश्मीर के कुलगाम से गिरफ्तार DSP देवेंद्र सिंह के आतंकियों के कनेक्शन की खबर से बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सहित कई अन्य दलों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार से सीधे सवाल किए हैं और अजीत डोवाल पर भी निशाना साधा है. विपक्षी दलों का आरोप है कि जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील राज्य में देवेंद्र सिंह आतंकियों की मदद करता रहा और खुफिया एजेंसियों को कानोंकान खबर नहीं लगी. इस बीच देवेंद्र सिंह का पुलवामा कनेक्शन भी सामने आ रहा है.
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, सवाल धर्म और जाति का नहीं है. सवाल ये है कि देवेन्द्र सिंह कौन है. क्या देवेन्द्र सिंह अकेले काम कर रहा था या वो सिर्फ एक मोहरा है. जब पुलवामा हमला हुआ हमारे जवान शहीद हो गए, RDX कैसे आया, कहां से आया, ये सवाल हमने कई बार पूछा. देवेन्द्र सिंह के तार कहां से जुड़े हैं. पूरी कहानी ही संशय पैदा करती है. इसकी जांच होनी चाहिए. पूरे मामले की अच्छे से जांच होनी चाहिए. रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा- क्या वो हिज्बुल आतंकियों को निकालने की कोशिश कर रहा था या वह सिर्फ एक मोहरा है और असली खिलाड़ी कहीं और छुपे हैं. ये बड़ी साजिश है?
रालोद नेता और पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘एक पुलिस अफसर जिसने कुछ दिनों पहले ही विदेशी राजनयिकों को जम्मू-कश्मीर का दौरा करवाया, पुलवामा में जवानों पर हमले के समय भी वहां मौजूद था. डोभाल साहब क्या हो रहा है?’
इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को देवेंद्र सिंह और दो आतंकियों को उस वक्त पकड़ा, जब ये तीनों एक साथ कार में सवार थे. उस समय हिजबुल मुजाहिदीन के दो मोस्ट वांटेड आतंकी पीछे की सीट पर बैठे थे, जबकि कार डीएसपी देवेंद्र सिंह चला रहा था. पकड़े गए आतंकी हिजबुल का टॉप कमांडर नवीद बाबू और अल्ताफ भी मौजूद थे.
इसके बाद खुलासा हुआ कि 2004 में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु ने दावा किया था कि देवेंद्र सिंह ने उन्हें मोहम्मद नाम के एक शख्स को दिल्ली में किराए पर घर और कार खरीद कर देने को कहा था. मोहम्मद संसद पर हमले में शामिल था, जबकि अफजल गुरु को 2013 में फांसी दे दी गई थी.
Source : News Nation Bureau