मुस्लिम विरोधी छवि से पहचाने जानेवाली आरएसएस का एक नया चेहरा अब सामने आया है. मोहन भागवत ने हिंदू राष्ट्र की नई परिभाषा गढ़ी है. जिसमें मुस्लिम को भी उतना ही महत्व दिया गया है जितना हिंदुओं को. भागवत ने कहा कि मुस्लिम पराया नहीं है. उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट्र का मतलब यह नहीं कि यहां मुस्लिम नहीं चाहिए. जिस दिन ऐसा कहेंगे तो वह हिन्दुत्व नहीं रहेगा.
बड़ा सवाल यह है कि क्या मुसलमानों के बगैर हिंदुत्व मुमकिन नहीं है ? इसके अलावा सवाल यह भी है कि-
-समावेशी समाज की बात करने वाले संघ प्रमुख का अब क्यों हो विरोध
-क्या अब भी संघ की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से होनी चाहिए
-हिन्दुत्व एक जीवनशैली है इन बयानों पर क्यों हो ऐतराज
इन सवाल पर आज एंकर अजय कुमार कुछ मेहमानों से जवाब लेने की कोशिश की.
बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली, वरिष्ठ सीपीआई नेता अतुल अंजन, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा, वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल, आरएसएस स्पोर्टर डॉ गीता भट्ट और धर्म गुरू मौलाना मौलाना अतहर हुसैन देहलवी ने इस मुद्दे पर चर्चा की.
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Source : News Nation Bureau