लद्दाख में चीन और पाकिस्तान जैसे देशों की चुनौतियों का का सामना करने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह डटी हुई है. इस बीच सर्दियों में दुश्मन देशों की ओर से किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए सेना तैयार है. इस बीच सेना ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लेह के पास 14 के डिवीजन में सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है. सेना ने सर्दियों में किसी भी संभावित चीनी हमले का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त सैन्य टुकड़ी की संख्या बढ़ा दी है. 14 कोर की सेना चुनौतीपूर्ण हालात में काम करते हुए पहले से ही पूर्वी लद्दाख में चीन की चुनौती का सामना करने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर डटे हुए हैं.
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रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि एलएसी पर सैन्य टुकड़ियों में इजाफा पश्चिमी सीमाओं के पास चीन के किसी भी दुस्साहस का सामना करने के लिए किया गया है. फिलहाल 14 कोर जिसे फायर एंड फ्यूरी कोर के रूप में भी जाना जाता है, के पास एलएसी की देखभाल के लिए सिर्फ 3 डिवीजन थे. सूत्रों ने कहा कि नए ऑर्डर ऑफ बैटल (ओआरबीएटी) के अनुसार, सैनिकों का एक अतिरिक्त डिवीजन को अब स्थायी रूप से सौंपा दिया गया है. हालांकि सूत्रों ने अतिरिक्त सैनिकों के सटीक संख्या के बारे में बताने से इनकार कर दिया है. इसका मतलब है कि 3 डिवीजन के अलावा, पूर्वी लद्दाख को अब स्थायी रूप से अतिरिक्त सैनिकों द्वारा सुरक्षित किया जाएगा.
सेना ने चीन से खतरे से निपटने के लिए अपने ओआरबीएटी में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं और एलएसी पर दंडात्मक और निवारण क्षमता दोनों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है. एक सूत्र ने कहा, "सर्दियों में संभावित पीएलए की आक्रामता से निपटने के लिए अतिरिक्त सैनिक मौजूद रहेंगे.
पूर्वी लद्दाख में 30,000 सैनिक हैं तैनात
जम्मू और कश्मीर से कई इकाइयों को भी पिछले साल लद्दाख में तैनात किया गया था. पिछले साल गलवान घटना के बाद एक राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) सेक्टर को गलवान घाटी क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया था, जबकि यूनिफ़ॉर्म फोर्स की यूनिट को शामिल किया गया था. वर्तमान में पूर्वी लद्दाख में दोनों ओर लगभग 30,000 सैनिक हैं. सूत्रों ने कहा कि एलएसी के के पास भारत और चीन दोनों ओर से लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात है. जरूरत के हिसाब से इन संख्याओं में इजाफा भी किया जा सकता है.
तकनीक पर ध्यान केंद्रित कर रहा भारत
सूत्रों ने कहा कि एलएसी के साथ तकनीक की तैनाती और सिंक्रनाइज़ निगरानी पर ध्यान केंद्रित किया गया है. भारतीय सेना ने जमीन पर सेना को बढ़ाने के बजाय तकनीक पर अपना ध्यान तेज किया है. सेना ने भी दुश्मन की हरकत की अग्रिम जानकारी रखने के लिए कदम उठाए हैं. इसमें एलएसी पर केंद्रित एकीकृत विमानन ब्रिगेड की स्थापना शामिल है. इसने M-777 हल्के वजन के होवित्जर, बोफोर्स और K9 वज्र बंदूक सहित कई प्रणालियों को शामिल करके अपनी मारक क्षमता को बढ़ा दिया है और कई प्रमुख मिसाइल प्रणालियों को तैनात किया है.
क्या है 14 कोर
15 कोर भारतीय सेना की एक कोर है. यह सेना के उधमपुर स्थित उत्तरी कमान का एक हिस्सा है जो कारगिल-लेह के साथ सैन्य तैनाती की देखभाल करते हैं. साथ ही चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं की देखभाल करते हैं और सियाचिन ग्लेशियर की भी रक्षा करते हैं.
HIGHLIGHTS
- भारतीय सेना ने 14 कोर के डिविजन में सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है
- सर्दियों में चीन की ओर से किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए सेना तैयार
- 14 कोर को एक अतिरिक्त डिविजन स्थायी रूप से सौंपा गया