केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच तकरार बढ़ता ही जा रहा है. गाज़ियाबाद के बुजुर्ग के पिटाई के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्विटर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. केंद्र सरकार की चेतावनी के बावजूद इंटरनेट मीडिया के नए नियमों का पालन नहीं करने पर सरकार ने आईटी ऐक्ट के तहत प्राप्त सुरक्षा का अधिकार ट्विटर से वापस ले लिया है. यानी कि अब किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर ट्विटर के खिलाफ सरकार उसपर आपराधिक कार्रवाई कर सकती है. वहीं, सरकार की इस कर्रवाई के बाद ट्विटर के तेवर अब नरम पड़ गए हैं.केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर को भारत का कानून मानना होगा. उन्होंने कहा कि भारत में ट्विटर के दोहरे मानक नहीं चलेंगे. ट्विटर सरकार की आलोचना करे, लेकिन देश का संविधान मानना होगा. कानून मंत्री ने कहा कि ट्विटर को सरकार ने कई मौके दिए उसे तीन महीने का समय भी दिया गया था. सरकार ने 25 फरवरी को गाइडलाइंस जारी की गई थी.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कुछ लोग ट्विटर के माध्यम से अपनी राजनीति करते हैं, मुझे कोई दिक्कत नहीं है. अब वे ट्विटर की राजनीति कर रहे हैं, फिर मुझे कोई समस्या नहीं है. कानून मंत्री ने साफ किया कि ये लड़ाई सरकार बनाम ट्विटर या फिर बीजपी बनाम ट्विटर की नहीं है, बल्कि ये लड़ाई ट्विटर बनाम ट्विटर के यूजर के बीच की है. रविशंकर प्रसाद ने कहा, “गाइडलाइंस की धारा 7 में इस बात का प्रावधान है कि अगर आपने इस गाइडलाइंस को नहीं माना तो इसका परिणाम होगा कि धारा 79 के अंतगर्त कुछ छूट मिली हुई है, उस पर असर पड़ेगा और आप पर भी देश के दूसरे कानूनों के तहत कार्रवाई होगी.”
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि हमने उन्हें (ट्विटर) 3 महीने का समय दिया था. दूसरों ने उसका पालन किया लेकिन ट्विटर ने नहीं किया।आईटी दिशानिर्देशों का नियम 7 कहता है कि यदि आप अनुपालन नहीं करते हैं तो धारा 79 के तहत आप मध्यस्थ की स्थिति खो सकते हैं और देश के दंड कानूनों सहित अन्य कानूनों के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर दूसरे मीडिया प्लेटफार्म इसका अनुसरण करते हैं, तो ट्विटर क्यों नहीं कर सकते? हमने 3 अधिकारियों को नियुक्त करने के लिए कहा था. 3 महीने की अवधि 26 मई को समाप्त हो गया था. फिर भी हमने गुड जेस्चर दिखाते हुए उन्हें एक अवसर दिया है.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वो नाम नहीं लेंगे, लेकिन विपक्ष के कुछ नेता ट्विटर से ही राजनीति कर रहे हैं. साथ ही कहा कि आजकल वो ट्विटर की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “कैपिटल हिल्स के लिए अलग नीति और लाल किला के लिए अलग नीति नहीं चलेगी. 3-4 साल से ट्विटर की गतिविधियों पर नजर थी. कानून के पालन के लिए ही गाइडलाइंस बनाई गई हैं.”
उन्होंने साथ ही कहा कि ट्विटर पर अचानक से कार्रवाई नहीं की गई. ट्विटर की तरफ से कोर्ट में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो देखा जाएगा.
Source : News Nation Bureau