Weather News: देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में इस समय सूरज की तपिश लोगों को पसीना-पसीना कर रही है. फरवरी के महीने में पड़ रही ऐसी गर्मी को देखकर लोग तो क्या वैज्ञानिक भी हैरान हैं. कई वैज्ञानिक तो मौसम में आए इस बदलाव को जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी बता रहे हैं. बहरहाल, कारण चाहे जो हो, लेकिन फरवरी में पड़ रही गर्मी को देखकर लोग मई और जून की गर्मी से डर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर मई-जून में फरवरी के हिसाब से गर्मी पड़ने वाली है तो आसमान से आग बरसेगी.
अगले पांच दिनों के भीतर तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी
वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने साफ कर दिया है कि उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में अगले पांच दिनों के भीतर तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है. जबकि देश के कई शहरों में तापमान पहले से ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा मौसम सामान्यतः मार्च में होली के बाद नजर आता है. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मार्च के दूसरे हफ्ते में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा भी रिकॉर्ड किया जा सकता है. वैज्ञानिकों ने वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की अनुपस्थिति को भी फरवरी में पड़ रही ज्यादा गर्मी का मुख्य कारण बताया है. आपको बता दें कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस वर्षा कराने में सहायक होते हैं. जिससे तापमान में गिरावट आती है.
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सफदरजंग में मैग्जीमम टेंपरेचर 33.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज
देश की राजधानी में पड़ रही गर्मी की बात करें तो सफदरजंग में मैग्जीमम टेंपरेचर 33.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. 1969 के बाद से सोमवार फरवरी का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया. इससे पहले दिल्ली में 26 फरवरी 2006 को मैग्जीमम टेंपरेचर 34.1 डिग्री सेल्सियस और 17 फरवरी 1993 को मैग्जीमम टेंपरेचर 33.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.