पूर्वी और मध्य भारत में 14 मई तक गरज के साथ बारिश, बिजली गिरने और तेज़ हवाओं के साथ चिलचिलाती गर्मी बनी रहने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इसकी जानकारी दी है. साथ ही दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में 16 मई तक मौसम ऐसे रहने के आसार हैं. IMD के अनुसार, उत्तरी पाकिस्तान पर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में विकसित हो रहे पश्चिमी विक्षोभ के साथ-साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश और दक्षिण राजस्थान पर अन्य चक्रवाती परिसंचरणों के कारण उत्तर भारत में वर्षा होने की उम्मीद है.
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित क्षेत्रों में आज गरज और तेज़ हवाओं के साथ व्यापक वर्षा होने की संभावना है. इसके बाद इसमें कमी आने की संभावना है, 13 और 14 मई को छिटपुट गतिविधि होने की उम्मीद है.
हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा जैसे क्षेत्रों में आज अलग-अलग डिग्री की बारिश, तूफान और तेज़ हवाएं चलने की उम्मीद है. राजस्थान में अगले चार दिनों तक मौसम का ऐसा ही मिजाज रहने की संभावना है.
तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे, और कर्नाटक में गरज और तेज़ हवाओं के साथ छिटपुट से व्यापक वर्षा होने का अनुमान है. वहीं कुछ तटीय क्षेत्रों में अलग-अलग भारी वर्षा की संभावना है.
पूर्वोत्तर राज्यों में 12 से 15 मई तक छिटपुट से लेकर काफी व्यापक वर्षा, गरज के साथ बारिश, बिजली और तेज़ हवाएं (30-40 किमी प्रति घंटे) चलने की संभावना है, जो 16 से 18 मई तक व्यापक वर्षा तक बढ़ने की उम्मीद है.
इस बीच, 16 मई से उत्तर पश्चिम भारत में गर्मी का एक नया दौर शुरू होने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप प्रभावित क्षेत्रों में तापमान बढ़ जाएगा.
गौरतलब है कि, अगले 24 घंटों के भीतर उत्तर पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद नहीं है. हालांकि, अगले दिनों में लगभग 3-5°C की वृद्धि देखने की उम्मीद है. इसी तरह, पूर्वी भारत के कई हिस्सों में दो दिनों की सापेक्ष स्थिरता के बाद 2-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है. दूसरी ओर, महाराष्ट्र और कर्नाटक में अगले 3-4 दिनों में तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ थोड़ी राहत मिलने की संभावना है.
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