Weather Update: देश में मौसम अलग-अलग तरह से करवट ले रहा है. पहले जनवरी के तुरंत बाद फरवरी में अचानक गर्मियों का आना, अब प्री-मानसून की बारिश और आंधी व तेज हवाओं का दौर समय से पहले ही शुरू हो गया है. मौसम में आए इस बदलाव को न लोग समझ पा रहे हैं और न मौसम वैज्ञानिक. हालांकि कुछ विशेषज्ञ इसको ग्लोबल वार्मिंग यानी जलवायु परिवर्तन का नाम दे रहे हैं. आपको बता दें कि मार्च के शुरुआती दौर में ही प्री-मानसूनी एक्टिविटी शुरू हो गई हैं. मार्च के ही महीने में 6 से 8 तारीख के बीच हुई बेमौसम बारिश ने तीन राज्यों ( मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान ) में फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है.
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार देश के कई भागों में एक बार फिर प्री-मानसूनी बारिश के साथ आंधी-ओले और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती है. जिसकी वजह से फसलों के बर्बाद होने की आशंकाएं बनी हुई हैं. 13 से 18 मार्च के बीच उत्तरी कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा व विदर्भ जैसे इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश पड़ने की संभावना है. मौसम विभाग ने बताया कि 15 से 16 मार्च के बीच महाराष्ट्र व मध्य प्रेदश में ओले गिरने की संभावना है. आईएमडी की रिपोर्ट में बताया कि मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिल रहे हैं. 1901 के बाद से दिसंबर और फरवरी सबसे गर्म महीने रिकॉर्ड किए गए हैं.
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मौसम से जुड़ी एजेंसी स्काईमेट के महेश पलावत ने जानकारी देते हुए बताया कि प्री-मानसून संबंधी गतिविधियां इस साल जल्दी ही शुरू हो गई हैं. आमतौर पर ये गतिविधियां मार्च के लास्ट में स्टार्ट होती हैं, लेकिन तापमान बढ़ने की वजह से इस बार कई मौसमी प्रणाली एक्टिव हो रही हैं. भारत इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी के रिसर्च निर्देशक डॉ. अंजल प्रकाश कहते हैं कि यह जलवायु परिवर्तन का ही परिणाम है कि मौसम में नित नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- देश में मौसम अलग-अलग तरह से करवट ले रहा है
- मौसम में आए इस बदलाव को न लोग समझ पा रहे हैं और न मौसम वैज्ञानिक
- कुछ विशेषज्ञ इसको ग्लोबल वार्मिंग यानी जलवायु परिवर्तन का नाम दे रहे हैं