देश के कई राज्यों में मानसून (Monsoon) दस्तक दे चुका है हालांकि दिल्लीवासियों को अब भी इंतजार करना होगा. मौसम विभाग meteorological department) के अनुसार, दिल्ली (Delhi) में अभी पांच दिन और भयंकर गर्मी का सामना करना पड़ेगा. आमतौर पर मानसून 27 जून तक दिल्ली पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में सक्रिय हो जाता है. पिछले साल 29 जून तक पूरे देश में मानसून सक्रिय हो गया था लेकिन इस बार इसके दिल्ली पहुंचने में ही अभी पांच दिन और लग सकते हैं. वहीं मौसम विभाग ने बिहार और झारखंड में अगले दो दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में भी मानसून सक्रिय है. वहीं पूर्वांचल के कुछ जिलों में भी भारी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में यहां पर कई जिलों में येलो चेतावनी भी जारी की गई है.
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मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम लगभग शुष्क व गर्म रहने वाला है. तो वहीं बिहार के अररिया, सुपौल, भागलपुर, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया के अलावा पश्चिम बंगाल समेत पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी, जबकि, झारखंड में भी कमजोर पड़े मानसून की वजह से बारिश के आसार नहीं दिख रहे हैं.
मौजूदा मौसम की स्थिति, बड़े पैमाने पर वायुमंडलीय विशेषताएं और गतिशील मॉडल द्वारा पूवार्नुमानित हवा के पैटर्न से पता चला है कि दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब में अगले 6 से 7 दिनों के दौरान में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए कोई अनुकूल परिस्थितियों के विकसित होने की संभावना नहीं है. इसकी जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को दी.
आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूवार्नुमान केंद्र के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून (एनएलएम) की उत्तरी सीमा, हालांकि, राजस्थान के बाड़मेर, भीलवाड़ा और धौलपुर और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और मेरठ, साथ ही हरियाणा के अंबाला और पंजाब के अमृतसर में 26 डिग्री उत्तर और देशांतर 70 डिग्री पूर्व से गुजरती है.
भारत में आसमानी बिजली से हर साल 2,000 लोगों की जान जाती है
आईएमडी और एनडीएमए के शीर्ष विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के दौरान आसमानी बिजली गिरने से देश में हर साल 2,000 से अधिक मौतें होती हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य राजेंद्र सिंह ने भारतीय मौसम विज्ञान सोसायटी द्वारा इस मुद्दे पर आयोजित एक राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या और नुकसान में वृद्धि देखी गई है.
सिंह ने कहा, "वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के कारण बेहतर समझ, निगरानी और भविष्यवाणी क्षमताओं के बावजूद, बिजली और आंधी अभी भी देश में हर साल बड़े पैमाने पर जीवन और संपत्ति का नुकसान करती है."
भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक, मृत्युंजय महापात्र ने बिजली गिरने को 'एक गंभीर खतरा' करार देते हुए कहा कि यह मुख्य रूप से लोगों, विशेष रूप से किसानों, मछुआरों और मजदूरों के बढ़ते जोखिम के कारण होता है, जो आजीविका के कारणों से बाहर रहते हैं.