आंदोलन कर रहे किसानों को मानने के लिए गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि किसानों को प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए. सरकार खुले दिल से बातचीत करने के लिए राजी है. वहीं किसान संगठनों के नेताओं ने इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया जाएगा.
किसान नेता बूटा सिंह ने कहा, 'हमने 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है, अगर पीएम हमारी बात नहीं मानते और कानून को रद्द नहीं करते तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर देंगे.'
उन्होंने कहा कि आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत के सभी लोग पटरियों पर उतरेंगे.संयुक्त किसान मंच एक तारीख तय करेगा और घोषणा किया जाएगा.
वहीं भारतीय किसान यूनियन (R) के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, 'केंद्र सरकार ने माना है कि कानून व्यापारियों के लिए बनाए गए हैं. यदि कृषि राज्य विषय है, तो उन्हें इसके बारे में कानून बनाने का अधिकार नहीं है.'
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इधर, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के नेताओं से सरकार द्वारा दिये गये प्रस्तावों पर विचार करने का बृहस्पतिवार को एक बार फिर आग्रह किया और कहा कि सरकार उनके साथ आगे और बातचीत करने के लिये तैयार है.
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किसानों ने एक दिन पहले ही सरकार की पेशकश को ठुकरा दिया. सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बनाये रखने के बारे में लिखित आश्वासन देने और नये कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन की पेशकश की है.
Source : News Nation Bureau