जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद प्रभावित परिवारों के बच्चों के लिए केंद्रीय पूल में एमबीबीएस और बीडीएस की चार सीटें आरक्षित करने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया जा रहा है. कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने सरकार के इस निर्णय की प्रशंसा की है और कहा है कि इससे बच्चों को चिकित्सा क्षेत्र में आगे बढ़ने व अच्छे कॉलेजों में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा.
नालंदा मेडिकल कॉलेज (पटना), गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (चंडीगढ़), लेडी हाडिर्ंग मेडिकल कॉलेज (नई दिल्ली) और एसएमएस मेडिकल कॉलेज (जयपुर) में एक-एक सीट आरक्षित की गई है. जम्मू और कश्मीर व्यावसायिक प्रवेश परीक्षा बोर्ड के अनुसार आतंकवादी हमलों में अपने माता-पिता या अपने घर के एकमात्र कमाने वाले को खो चुके छात्रों को इस कोटा के लिए पात्र माना जाएगा.
इसी तरह यदि माता-पिता या छात्र स्वयं ऐसे हमलों में घायल या विकलांग हो गए हैं, तो उनको भी इसका लाभ मिलेगा. आरक्षण प्राप्त करने के लिए सामन्य छात्र को न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों (एससी / एसटी, ओएससी के लिए 40 प्रतिशत, जनरल-पीडब्ल्यूडी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 45 प्रतिशत) के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और अंग्रेजी में उत्तीर्ण होना चाहिए.
इस नीति के तहत आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 18 नवंबर है. स्थानीय नागरिक मोहम्मद नजीर ने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले से गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के छात्रों को फायदा होगा. सामाजिक कार्यकर्ता हम्सुद्दीन शाह ने केंद्र के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि सरकार को आने वाले वर्षों में कोटा और बढ़ाना चाहिए.
Source : IANS