लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. चुनाव में इंडिया गठबंधन ने भाजपा को बहुमत लाने से रोक लिया है. हालांकि, पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस केंद्रीय स्तर पर तो इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी लेकिन राज्य में टीएमसी ने अकेले ही चुनाव लड़ा. लोकसभा चुनावों में टीएमसी कांग्रेस सहित अन्य सहयोगी दलों के साथ केंद्रीय स्तर पर तो साथ दिखी लेकिन राज्य स्तर पर टीएमसी ने कांग्रेस से कन्नी काट ली. इस वजह से कांग्रेस का इस बार राज्य में खाता तक नहीं खुल पाया. लोकसभा चुनाव में अधीर रंजन चौधरी को टीएमसी उम्मीदवार यूसुफ पठान ने मात दी.
कांग्रेस ने साफ की स्थिति, दोनों सीटों पर उम्मीदवारों का एलान
पश्चिम बंगाल में अब उप चुनाव होने वाले हैं. एक बार फिर दोनों दल अलग-अलग ही चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस ने जुलाई में होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदावरों का एलान कर दिया है. राज्य की दो सीटों पर उप चुनाव होने वाले हैं. एक रायगंज तो दूसरी बागदा. कांग्रेस ने रायगंज सीट से मोहित सेनगुप्ता को तो वहीं, बागदा के लिए अशोक हल्दर को उम्मीदवार बनाया है. बता दें, बागदा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. कांग्रेस ने दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतार कर साफ कर दिया है कि राज्य में कांग्रेस और टीएमसी अलग-अलग ही चुनाव लड़ेंगे और इस बार भी कोई गठबंधन नहीं होने वाला है. अब राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गईं हैं कि क्या इंडी गठबंधन में सब कुछ ठीक है.
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कांग्रेस और सीपीएम पर भाजपा की मदद करने का आरोप
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कई बार लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पर निशाना साध चुकी हैं. ममता ने कांग्रेस पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया है. नादिया जिले में आयोजित एक सरकारी में सीएम ममता ने कहा था कि हमारी पार्टी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती थी. इसे लेकर हम उत्साहित भी थे लेकिन कांग्रेस ने हमारे प्रस्ताव को ठुकरा दिया. हम तो गठबंधन चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने हर बार असहमति व्यक्त की. ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा की मदद के लिए कांग्रेस और सीपीएम ने हाथ मिला लिया है. उन्होंने कहा था कि इस देश में सिर्फ एक टीएमसी ही है, जो भाजपा से लड़ सकती है.
Source : News Nation Bureau