पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में 3 दिनों के अंदर बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं के मारे जाने पर मृतक कार्यकर्ता के परिवार वालों ने टीएमसी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं पुलिस ने दूसरे कार्यकर्ता की मौत को आत्महत्या करार दिया है।
मृतक बीजेपी कार्यकर्ता दुलाल के पिता ने मीडिया से कहा, 'पुलिस यहां पर आई और मेरे बेटे की मौत को आत्महत्या बताया, लेकिन यह आत्महत्या नहीं है। यह आत्महत्या कैसे हो सकती है जब मेरे बेटे की जिंदगी में कोई समस्या नहीं थी। उसके पास किसी का कर्ज नहीं था, और उसके जीवन में सब कुछ ठीक चल रहा था। वह आत्महत्या क्यों करेगा? दो बार धमकी के बाद टीएमसी लोगों ने उन्हें मार दिया था।'
इसी तरह की राय को दोहराते हुए, दुलाल के ससुर जीनेश कुमार ने दावा किया कि उनके दामाद की टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हत्या की है। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उसे बिजली के पोल पर फांसी पर लटका दिया।
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शुक्रवार को गायब होने वाले दुलाल का शव पुरुलिया जिले के बलरामपुर में एक बिजली के पोल पर लटकी हुई पाई गई।
वहीं 30 मई को इसी जिले में एक अन्य बीजेपी कार्यकर्ता त्रिलोचन महतो का शव एक पेड़ से लटकता हुआ मिला।
पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुलाल की मौत का कारण आत्महत्या बताया वहीं बीजेपी के नेताओं ने इस हत्या के लिए टीएमसी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्य में कानून व्यवस्था विफल होने के लिए टीएमसी सरकार की निंदा की।
ईरानी ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी टीएमसी उस विपक्ष का हिस्सा है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ रहा है। इसलिए, बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्याओं में उनका हाथ हैं। टीएमसी सरकार कानून और व्यवस्था बनाए रखने में विफल है और पीड़ितों के परिवारों को न्याय देने में सक्षम नहीं है।'
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Source : News Nation Bureau