प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने चर्चित रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत टोक्टो ओलंपिक से की और इसके जरिए महान एथलीट और ओलम्पियन मिल्खा सिंह को याद किया. पीएम मोदी ने मन की बात में आज कोरोना महामारी और वैक्सीनेशन को लेकर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने टीकाकरण को लेकर दो ग्रामीणों से बातचीत करके स्थिति के बारे में जानने की कोशिश की और साथ में उन्होंने जनता से भ्रम और अफवाहों से सावधान रहने की अपील की. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने इंडिया फर्स्ट का मंत्र भी दिया.
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देश की जनता से पूछे सवाल
कार्यक्रम की शुरुआत में पीएम मोदी ने देश की जनता से सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि अक्सर ‘मन की बात’ में, आपके प्रश्नों की बौछार रहती है. इस बार मैंने सोचा कि कुछ अलग किया जाए, मैं आपसे प्रश्न करूं. उन्होंने कहा कि तो, ध्यान से सुनिए मेरे सवाल. ओलंपिक में इंडिविज्यूल गोल्ड जीतने वाला पहला भारतीय कौन था? ओलंपिक के कौन से खेल में भारत ने अब तक सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं? ओलंपिक में किस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा पदक जीते हैं? उन्होंने कहा कि अपने जवाब माय गवर्मेंट में आलंपिक पर जो क्विज है, उसमें प्रश्नों के उत्तर देंगे तो कई सारे इनाम जीतेंगे. ऐसे बहुत सारे प्रश्न माय गवर्मेंट के 'Road to Tokyo Quiz' में हैं, जिसमें भाग लें. भारत ने पहले कैसा परफॉर्म किया है? हमारी टोक्यो ओलंपिक के लिए अब क्या तैयारी है ? ये सब खुद जानें और दूसरों को भी बताएं. मैं आप सब से आग्रह करना चाहता हूँ कि आप इस क्विज कंपटीशन में जरुर हिस्सा लें.
ओलम्पियन मिल्खा सिंह को याद किया
प्रधानमंत्री मोदी ने महान एथलीट और ओलम्पियन मिल्खा सिंह को याद किया. मोदी ने कहा, जब बात टोक्यो ओलंपिक्स की हो रही हो, तो भला मिल्खा सिंह जैसे लीजेंड्री एथलीट को कौन भूल सकता है. कुछ दिन पहले ही कोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया, जब वे अस्पताल में थे, तो मुझे उनसे बात करने का अवसर मिला था. मोदी ने कहा, जब टैलेंट , डेडिकेशन डिटरमिनेशन, और स्पोर्ट्समैन इस्पिरिट एक साथ मिलते हैं, तब जाकर कोई चैंपियन बनता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि टोक्यो जा रहे हमारे ओलम्पिक दल में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है.
वैक्सीनेशन पर जोर दिया
पीएम मोदी ने कहा कि 21 जून को वैक्सीन अभियान के अगले चरण की शुरुआत हुई और उसी दिन देश ने 86 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ़्त वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड भी बना दिया और वो भी एक दिन में. इतनी बड़ी संख्या में भारत सरकार की तरफ से मुफ़्त वैक्सीनेशन और वो भी एक दिन में! स्वाभाविक है, इसकी चर्चा भी खूब हुई है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की सेफ्टी देश के हर नागरिक को मिले, हमें लगातार प्रयास करते रहना है. कई जगहों पर टीका हिचकिचाहट को खत्म करने के लिए कई संगठन, सामाजिक संगठन के लोग आगे आए हैं और सब मिलकर के बहुत अच्छा काम कर रहे हैं.
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लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की
वैक्सीनेशन को लेकर पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के दो लोगों से बात की और वैक्सीन लेने की अपील की. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने खुद ने भी दोनों डोज लगवा लिए हैं. हमारे पूरे देश में 31 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने वैक्सीन का टीका लगवा लिया है. मेरी मां, जो करीब 100 साल की हैं, उन्होंने भी दोनों डोज लगवा लिए हैं. कभी-कभी किसी को इससे बुखार वगैरह आता है, पर वो बहुत मामूली होता है, कुछ घंटों के लिए ही होता है. वैक्सीन नहीं लेना बहुत खतरनाक हो सकता है. पीएम मोदी ने लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की है.
अफवाहों से दूर रहने को कहा
उन्होंने कहा कि वैक्सीन को लेकर भ्रम है और बस ये भ्रम ही है. भ्रम का जवाब यही है कि आपको खुद को टीका लगाकर के समझाना पड़ेगा सबको. पीएम मोदी ने कहा कि अफवाहें फैलाने वाले लोग तो अफ़वाहें फैलाते रहेंगे. हमें तो जिंदगी बचानी है, अपने गांव वालों को बचाना है, अपने देशवासियों को बचाना है. और ये अगर कोई कहता है कि कोरोना चला गया तो ये भ्रम में मत रहिए. मोदी ने कहा कि साल भर रात-दिन इतने बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने काम किया है और इसलिए हमें विज्ञान पर भरोसा करना चाहिए, वैज्ञानिकों पर भरोसा करना चाहिए. पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न दें. आप अपने ही गांव में नहीं और गांवों में भी इन अफवाहों को रोकने का काम कीजिए.
कोरोना की बीमारी बहुरूपिये वाली
मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ हम देशवासियों की लड़ाई जारी है, लेकिन इस लड़ाई में हम सब साथ मिलकर कई असाधारण मुकाम भी हासिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही हमारे देश ने एक अभूतपूर्व काम किया है. उन्होंने कहा कि ये बीमारी ऐसी है, ये बहुरूपिये वाली है. वो रूप बदलती है. नए-नए रंग-रूप कर के पहुंच जाती है. और उसमें बचने के लिए हमारे पास दो रास्ते हैं. एक तो कोरोना के लिए जो प्रोटोकॉल बनाया, मास्क पहनना, साबुन से बार-बार हाथ धोना, दूरी बनाए रखना है. दूसरा रास्ता है वैक्सीन का टीका लगवाना, वो भी एक अच्छा सुरक्षा कवच है तो उसकी चिंता करिए. पीएम मोदी ने कहा कि आपको डरना नहीं है और लोगों के डर को भी निकालना है.
नेशनल डॉक्टर्स डे का जिक्र किया
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 1 जुलाई को हम नेशनल डॉक्टर्स डे मनाएंगे. ये दिन देश के महान चिकित्सक और स्टेट्समैन डॉक्टर बीसी राय की जन्म-जयंती को समर्पित है. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना-काल में डॉक्टर्स के योगदान के हम सब आभारी हैं. हमारे डॉक्टर्स ने अपनी जान की परवाह न करते हुए हमारी सेवा की है. इसलिए इस बार नेशनल डॉक्टर्स डे और भी खास हो जाता है. डॉक्टर्स प्रेम की शक्ति से ही हमारी सेवा कर पाते हैं इसलिए, हमारा ये दायित्व है कि हम उतने ही प्रेम से उनका धन्यवाद करें, उनका हौसला बढ़ाएं. वैसे हमारे देश में कई लोग ऐसे भी हैं जो डॉक्टर्स की मदद के लिए आगे बढ़कर काम करते हैं.
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अमृत-महोत्सव का जिक्र
उन्होंने कहा कि आज हमने कोरोना की कठिनाइयों और सावधानियों पर बात की, देश और देशवासियों की कई उपलब्धियों पर भी चर्चा की. अब एक और बड़ा अवसर भी हमारे सामने है. 15 अगस्त भी आने वाला है. उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष का अमृत-महोत्सव हमारे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है. हम देश के लिए जीना सीखें. आजादी की जंग- देश के लिए मरने वालों की कथा है. आज़ादी के बाद के इस समय को हमें देश के लिए जीने वालों की कथा बनाना है.
अमृत-महोत्सव से जुड़ने की अपील
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा आप सभी से अनुरोध है कि अमृत-महोत्सव से जैसे भी जुड़ सकते हैं, जरुर जुड़ें. ये हमारा सौभाग्य है कि हम आज़ादी के 75 वर्ष के पर्व का साक्षी बन रहे हैं. इसलिए अगली बार जब हम ‘मन की बात’ में मिलेंगे, तो अमृत-महोत्सव की और तैयारियों पर भी बात करेंगे. आप सब स्वस्थ रहिए, कोरोना से जुड़े नियमों का पालन करते हुए आगे बढ़िए, अपने नए-नए प्रयासों से देश को ऐसे ही गति देते रहिए.
मोदी ने इंडिया फर्स्ट का मंत्र दिया
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा मंत्र इंडिया फर्स्ट होना चाहिए. हमारे हर फ़ैसले, हर निर्णय का आधार होना चाहिए इंडिया फर्स्ट. उन्होंने कहा कि अमृत-महोत्सव में देश ने कई सामूहिक लक्ष्य भी तय किए हैं. जैसे, हमें अपने स्वाधीनता सेनानियों को याद करते हुए उनसे जुड़े इतिहास को पुनर्जीवित करना है. आपको याद होगा कि ‘मन की बात’ में, मैंने युवाओं से स्वाधीनता संग्राम पर इतिहास लेखन करके, शोध करने, इसकी अपील की थी. मकसद यह था कि युवा प्रतिभाएं आगे आए, युवा-सोच, युवा-विचार सामने आए, युवा- कलम नई ऊर्जा के साथ लेखन करें.
HIGHLIGHTS
- PM मोदी ने की मन की बात
- देश की जनता के नाम संदेश
- वैक्सीन, कोरोना पर बोले मोदी