पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को यहां एम्स में निधन हो गया. जेटली का गुरुवार को डायलिसिस हुआ था. वह 66 वर्ष के थे. एम्स की मीडिया और प्रोटोकॉल प्रमुख आरती विज ने कहा, 'बहुत ही दुख के साथ हमें सूचित करना पड़ रहा है कि पूर्व वित्तमंत्री व सांसद अरुण जेटली जी का शनिवार को दोपहर 12.07 बजे निधन हो गया है. वह यहां एम्स में 9 अगस्त से भर्ती थे और उनका इलाज वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में हो रहा था.'
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बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के पहले कार्यकाल में बतौर वित्त मंत्री रहते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए. उन्होंने पहले कार्यकाल में सभी पूर्ण बजट को पेश किया. हालांकि खराब स्वास्थ्य की वजह से अंतरिम बजट को पेश नहीं कर सके. फरवरी में अंतरिम बजट को कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया था. जानकारों के मुताबिक जेटली ने अपने सभी बजट में मिडिल क्लास को राहत देने वाले फैसले लिए.
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मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जुलाई 2014 के बजट में अरुण जेटली ने मिनिमम बेसिक टैक्स छूट सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख कर दिया. महंगाई से पीड़ित टैक्सपेयर्स के लिए यह एक बड़ी राहत वाली खबर थी. वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया. सेक्शन 80(C) के तहत छूट सीमा 1.1 लाख से बढ़कर 1.5 लाख रुपये की गई. इसके अलावा मध्य वर्ग के लोगों को सेक्शन 24 के तहत हाउसिंग लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा भी 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई.
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2015-16 के बजट में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन की लिमिट बढ़ी
पूर्ण बजट (2015-16) में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अमीरों पर 2 फीसदी का सरचार्ज लगा दिया. वहीं 1 करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना आय वाले इंडिविजुअल्स पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया. इसके अलावा वेल्थ टैक्स को खत्म करने का भी ऐलान किया. इनकम टैक्स स्लैब और दरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया. वित्त मंत्री ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए सेक्शन 80CCD(1b) के तहत NPS में निवेश पर अतिरिक्त 50 हजार रुपये टैक्स छूट की घोषणा भी की.
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इस बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाने की घोषणा की थी. इंडिविजुअल्स के लिए टैक्स डिडक्शन की सीमा को 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया. वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस छूट की सीमा को 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दिया गया. सुकन्या समृद्धि योजना को भी इस बजट में PPF के समान ही टैक्स छूट के दायरे में लाने की घोषणा की गई थी.
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2016-17 के बजट में अमीरों पर सरचार्ज फिर बढ़ाने की घोषणा
2016-17 के बजट में हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) यानि 1 करोड़ु रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई वालों पर सरचार्ज में एक बार फिर 3 फीसदी की बढ़ोतरी करने की घोषणा की गई. सरचार्ज बढ़कर 15 फीसदी तक पहुंच गया. 5 लाख रुपये से कम सालाना आय वाले छोटे टैक्स पेयर्स को आयकर में 5 हजार रुपये तक राहत देने की घोषणा की गई थी. प्रॉपर्टी खरीदने वालों को सेक्शन 80EE के तहत कुछ शर्तों के साथ 50 हजार रुपये के अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन की सुविधा भी मिली थी.
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2017-18 के बजट में आयकर की दर घटी
2017-18 के बजट में अरुण जेटली ने 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की सालाना कमाई पर टैक्स की दर को 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये ज्यादा की बचत होने लग गई थी. वहीं 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक की सालाना कमाई वालों पर टैक्स पर 10 फीसदी सरचार्ज का प्रावधान करने की घोषणा की गई थी.
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2018-19 के बजट (आखिरी बजट)
अपने आखिरी बजट (2018-19) में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सैलरीड क्लास और पेंशनभोगियों के लिए 40 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापसी की घोषणा की. वहीं मेडिकल रिमबर्समेंट और ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स की छूट को खत्म कर दिया. वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में टैक्स पर 1 फीसदी सेस बढ़ाने की भी घोषणा की गई.