मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने के बाद जहां मोदी सरकार इसे विदेश कूटनीति की जीत बता रही है और अपना पीठ थपथपा रही है. वहीं विपक्ष के कुछ नेता इसे कामयाबी नहीं मानते हैं. एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये कामयाबी नहीं है अभी.
ओवैसी ने मोदी सरकार से सवाल करते हुए कहा, 'चीन से आपने क्या समझौता किया? 2008 में हाफिज सईद को ब्लैकलिस्ट किया गया, क्या वो पब्लिक मीटिंग नहीं करता? क्या उसकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ी? यकीनन ब्लैकलिस्ट हुआ है...मगर इसको आप अगर बहुत बड़ी कामयाबी मान रहे हैं तो ये कामयाबी नहीं है अभी.'
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(यूएनएससी) ने बुधवार को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद(जेईएम) के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया.
इससे लगभग ढाई महीने पहले उसके आतंकवादी संगठन ने कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमला किया था.
यूएनएससी की प्रतिबंध समिति 1267 ने चीन द्वारा 'तकनीकी रोक' हटाने के बाद यह घोषणा की. इसके लिए चीन पर सुरक्षा परिषद के अन्य स्थायी सदस्य जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से जबरदस्त दबाव था. चीन ने इससे पहले चार बार मामले में 'तकनीकी रोक' लगाकर प्रस्ताव को रोक दिया था.
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया, 'छोटे, बड़े सभी एक साथ आ गए, मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में एक आतंकवादी के रूप में घोषित. सभी के समर्थन के लिए हम आभारी हैं.'
इस प्रतिबंध का मतलब है कि अजहर की संपत्तियों को संयुक्त राष्ट्र के देशों द्वारा जब्त किया जाएगा और इन देशों में उसकी यात्रा पर पाबंदी होगी.
भारत सरकार के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'अजहर चीनियों के लिए लगातार परेशानी का सबब बनता जा रहा था.
Source : News Nation Bureau