कृषि विधेयक रविवार को राज्यसभा में पास हो गया. कृषि से जुड़े दो बिल ध्वनि मत से पास हो चुका है. वहीं राज्यसभा में विपक्षी दलों ने काफी हंगामा किया. कृषि विधेयक को लेकर मोदी सरकार के छह मंत्रियों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजनाथ सिंह, प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल, प्रकाश जावड़ेकर , थावर चंद गहलोत और मुख्तार अब्बास नकवी शामिल थे.
विपक्ष पर निशाना साधते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का अनादर करने के मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में जो भी हुआ, वह बहुत दुखद और शर्मनाक है . राज्यसभा के उपसभापति मूल्यों को लेकर प्रतिबद्ध हैं, स्वस्थ लोकतंत्र में इस तरह के आचरण की उम्मीद नहीं की जाती.हर किसी ने आसन के साथ हुई बदसलूकी को देखा है, सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ डाली, आसन के पास चले गए. मैंने संसद में इस तरह का गलत आचरण कभी नहीं देखा.
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जब संसदीय मर्यादाएं टूटती है तो लोकतंत्र की परम्पराएं भी शर्मसार और तार-तार होती है
उन्होंने आगे कहा, 'अगर विपक्ष सहमत नहीं भी था तो क्या यह उन्हें हिंसक होने, आसन पर हमला करने की अनुमति देता है. संसदीय लोकतंत्र में मर्यादाओं का बड़ा ही अहम स्थान है. जब संसदीय मर्यादाएं टूटती है तो लोकतंत्र की परम्पराएं भी शर्मसार और तार-तार होती है.'
MSP समाप्त नहीं होगा
उन्होंने आगे कहा कि मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और एपीएमसी की व्यवस्था बनी रहेगी, इसे किसी भी कीमत पर, कभी भी नहीं हटाया जाएगा.
राजनाथ सिंह ने कहा कि ये दोनों विधेयक किसान और कृषि जगत के लिए ऐतिहासिक हैं. इससे किसानों की आय बढ़ेगी. परन्तु किसानों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है कि MSP खत्म कर दी जाएगी जबकि ऐसा नहीं है किसी भी सूरत में MSP समाप्त नहीं होगा.
जो लोग ऐसा कदम उठाते हैं उसके पीछ राजनीतिक कारण होता है
शिरोमणि अकाली दल की मंत्री हरसिमरत के सरकार से इस्तीफा देने पर राजनाथ सिंह ने कह, 'लोग जो किसी प्रकार का कदम उठाते हैं उसके पीछे कुछ राजनीतिक कारण होते हैं.'
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ये दोनों बिल ऐतिहासिक हैं
वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ये दोनों बिल ऐतिहासिक हैं. किसान की आकांक्षाओं को पंख देने वाले हैं. कांग्रेस और अन्य दलों ने आज जिस तरह से दंगा-फसाद किया. उपसभापति को तकलीफ दी, उनके सामने का माइक तोड़ा, किताबें फेंकी, संविधान का अपमान किया. इसके लिए उनको जनता ही दंडित करेगी.'
बता दें कि तीन में से दो कृषि विधेयक रविवार को राज्यसभा द्वारा पारित कर दिए गए, ये विधेयक कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 हैं. इन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में लोकसभा द्वारा पारित किया गया था.
Source : News Nation Bureau