Advertisment

आखिर क्‍या है भारतीय संविधान का अनुच्‍छेद 131, जिसके तहत केंद्र को मिल रही राज्‍यों से चुनौती

केंद्र और राज्‍य सरकारों के बीच तनातनी तेज होती जा रही है. हिंसक प्रदर्शनों के बाद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) केरल की राज्‍य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
आखिर क्‍या है भारतीय संविधान का अनुच्‍छेद 131, जिसके तहत केंद्र को मिल रही राज्‍यों से चुनौती

आखिर क्‍या है भारतीय संविधान का अनुच्‍छेद 131( Photo Credit : ANI Twitter)

Advertisment

केंद्र और राज्‍य सरकारों के बीच तनातनी तेज होती जा रही है. हिंसक प्रदर्शनों के बाद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) केरल की राज्‍य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. दूसरी ओर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ सरकार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. हालांकि राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी कानून कांग्रेस के ही शासनकाल में बना था. दोनों राज्‍यों की सरकारों ने संविधान के अनुच्‍छेद 131 का हवाला देते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ कोर्ट की शरण ली है. केंद्र और राज्‍यों के बीच विवाद होने पर इसी अनुच्छेद का हवाला दिया जाता है. ऐसे में यह जानना लाजिमी है कि आखिर क्‍या है अनुच्‍छेद 131 और क्‍या हैं इसके प्रावधान:

यह भी पढ़ें : दिल्‍ली छोड़ने की डेडलाइन से पहले भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर जामा मस्‍जिद पहुंचे, पढ़ी संविधान की प्रस्‍तावना

राज्य और केंद्र सरकार के बीच विवाद होने पर संविधान का अनुच्छेद 131 सुप्रीम कोर्ट को फैसला देने का विशेष अधिकार प्रदान करता है. साथ ही अगर राज्य से राज्य का कोई विवाद हो तो उस स्थिति में भी यह अनुच्छेद सुप्रीम कोर्ट को निर्णय का विशेष अधिकार देता है. इन परिस्थितियों में कोर्ट को यह अधिकार प्राप्त होता है-

1- अगर भारत सरकार और एक या एक से ज्यादा राज्यों के बीच विवाद हो.
2- अगर भारत सरकार और एक राज्य या एक से ज्यादा राज्य एक तरफ व एक या एक से ज्यादा दूसरी तरफ हों.
3- अगर दो या दो से अधिक राज्यों के बीच कोई विवाद हो.

यह भी पढ़ें : चुनावी मौसम में निर्भया केस में कोताही के आरोपों पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने दी सफाई

आर्टिकल 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता (संशोधन) कानून के रूप में पांचवी याचिका दायर हुई है. इस अनुच्छेद के इस्तेमाल का पहला मामला 1963 में सामने आया था. इसमें बंगाल की सरकार ने केंद्र के बनाए एक कानून का विरोध किया था. पश्चिम बंगाल सरकार ने कोयला पाए जाने वाले इलाकों के लिए बनाए गए केंद्र सरकार के कोल बियरिंग एरियाज़ अधिनियम 1957 के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court kerala caa NIA indian constitution Chhatisgarh Article 131
Advertisment
Advertisment