इलाहाबाद विश्वविद्यालय (एयू) की वाइस चांसलर प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि पास की एक मस्जिद से होने वाली 'अजान' उनकी नींद में खलल डालती है. अपने पत्र में वाइस चांसलर ने कहा है कि 'अजान' से उनकी नींद में खलल होती है और 'अजान' खत्म होने के बाद उन्हें ठीक से नींद नहीं आती है. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें सिरदर्द होता है और काम के घंटों का नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि हालांकि वह किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन 'रमजान' के दौरान, माइक्रोफोन पर घोषणाएं अल सुबह 4 बजे शुरू होती हैं, जिससे अन्य लोगों को परेशानी होती है. वहीं, कर्नाटक वक्फ बोर्ड का नया आदेश जारी किया है. कर्नाटक की सभी मस्जिदों और दरगाहों के लिए सर्कुलर जारी है. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के दौरान लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगाया है. सर्कुलर में लाउडस्पीकर के शोर से लोगों को हो रही तकलीफों का ज़िक्र किया है. गौरतलब है कि 2017 में, गायक सोनू निगम ने 'अजान' से परेशान होने के बारे में ट्वीट किया था और यह मुद्दा एक बड़े विवाद में बदल गया था. गायक को अपने खिलाफ फतवे का भी सामना करना पड़ा था. तो सवाल उठता है कि क्या लाउडस्पीकर के बैगर 'अजान' नहीं हो सकता. लाउडस्पीकर पर तेज़ आवाज़ में अजान का नया विवाद क्या? इसी मुद्दे पर दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas...यहां पढ़ें मुख्य.
बिलकुल इलाहाबाद हाईकोर्ट सही था हर मुसलमान जानता है कि अजान का लाउड स्पीकर से कोई मतलब नहीं हैः तारेक फतेह, पत्रकार, पाकिस्तानी-कनाडाई
बिजली की खोज तो लाउड स्पीकर के बाद हुई थी जिसे लोगों ने कहा कि ये शैतान की आवाज है ये हराम हैः तारेक फतेह, पत्रकार, पाकिस्तानी-कनाडाई
फिर इन्होंने सोचा कि हिन्दुओं को परेशान कैसे किया जाए इसके लिए इन्होंने ये कियाः तारेक फतेह, पत्रकार, पाकिस्तानी-कनाडाई
आपको बता दें कि इस्लाम के प्रॉफेट मोहम्मद साहेब ने भी कहा था कि गाय का गोश्त न खाया जाए इससे बीमारियां होती हैंः तारेक फतेह, पत्रकार, पाकिस्तानी-कनाडाई
गाय सिर्फ दूध के लिए बनी है ना कि गोश्त खाने के लिए बहुत से इस्लामिक देशों में गाय नहीं खायी जाती है भारत में ही ऐसा क्योंः तारेक फतेह, पत्रकार, पाकिस्तानी-कनाडाई
ये शरारत है इसका इमाम हमारी मुस्लिम कम्युनिटी से कोई ताल्लुक नहीं हैः तारेक फतेह, पत्रकार, पाकिस्तानी-कनाडाई
अगर अल्लाह ताला चाहते तो मक्का के अंदर भी लाउड स्पीकर आ जाताः तारेक फतेह, पत्रकार, पाकिस्तानी-कनाडाई
पिछले 50 सालों तक तो किसी भी मजहब के पास लाउड स्पीकर नहीं थाः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
लेकिन आज हम देखेंगे कि हर धर्म के धर्म स्थलों में भी लाउड स्पीकर लगे होते हैंः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
चाहे मंदिर की बात कर लें, चाहे गुरुद्वारे की बात कर लें चाहे मस्जिद की बात कर लें हर जगह लाउड स्पीकर चलता हैः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
ये जो परेशानी है लाउड स्पीकर की ये सिर्फ मस्जिद की नहीं है ये मंदिरों और गुरुद्वारों में भी हैंः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
आप सामाजिक परेशानियों को मुसलमानों की परेशानियां बता देते हैं यही शरारत हैः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
तारेक फतह जी आप कनाडा और यूएस में गाय का गोश्त बैन क्यों नहीं करते हैंः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
तारेक फतेह को मैं इफरा से ज्यादा हिन्दुस्तानी मानती हूंः अंबर जैदी, फिल्म निर्माता और निर्देशक
कौन कितना हिन्दुस्तानी है ये पूरी दुनिया जानती हैः अंबर जैदी, फिल्म निर्माता और निर्देशक
हिन्दुस्तान के नाम पर आप खाती हैं और उसी के नाम पर आप लगातार विरोध करती हैंः अंबर जैदी, फिल्म निर्माता और निर्देशक
अगर हम 1400 साल पहले की बात करें तो सिर्फ लोगों को इकट्ठा करने के लिए मस्जिद के गंबद पर खड़े होकर अजान करते थेः अंबर जैदी, फिल्म निर्माता और निर्देशक
अगर हम देशवासियों को अपनी किसी भी हरकत परेशान करते हैं तो हमें इससे बचना चाहिएः अंबर जैदी, फिल्म निर्माता और निर्देशक
हमारा भारतीय संविधान कहता है कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन किसी को कोई आपत्ति न होः रमेश कुमार भंडारी, दर्शक, दिल्ली
मैं भी मानता हूं इस बात को कि लाउड स्पीकर लगाना सही नहीं हैः मौलाना साजिद रशीदी, अध्यक्ष, ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन
मैंने कहा कि इस्लाम का हिस्सा नहीं है लाउड स्पीकर का और ये अजान लोगों को बुलाने का एक तरीका हैः मौलाना साजिद रशीदी, अध्यक्ष, ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन
अगर लाउड स्पीकर से किसी पड़ोसी को दिक्कत है उसे वहां सेे उतार देना चाहिएः मौलाना साजिद रशीदी, अध्यक्ष, ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन
ये अच्छाई और सच्चाई की बात है कि हमें दोनों समुदायों को मिलकर देश में रहना हैः मौलाना साजिद रशीदी, अध्यक्ष, ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन
मुझे तो विश्वास भी नहीं हो रहा है कि ये वही मौलाना हैं जो मीठे बोल चाशनी में भिगो के बोल रहे हैंः सुशील पंडित,राजनीतिक विश्लेषक
मुझे याद है कि जुमे की दोपहर में सड़कों में भी नमाज पढ़ने बैठ जाते हैं लेकिन ये सर्दियों में ही होता हैः सुशील पंडित,राजनीतिक विश्लेषक
जब बरसात या गर्मी होती है तब इन्हें सड़क छोड़कर जगह मिल जाती है ये सिर्फ धूप सेकने के लिए सर्दियों में ऐसा करते हैंः सुशील पंडित,राजनीतिक विश्लेषक
आप क्यों नहीं एक पिटीशन फाइल करवाते कि हिन्दुस्तान के सभी मुसलमानों को लाउड स्पीकर से अजान से रोक दिया जाना चाहिएः एहतेशाम हाशमी, राजनीतिक विश्लेषक
जिसने पिटीशन में वॉयलेशन किया है कोर्ट उन्हें सजा देगीः एहतेशाम हाशमी, राजनीतिक विश्लेषक
आपने दिल्ली में दंगे भड़काने वाले लोगों को जो लाउड स्पीकर पर लोगों की भावनाएं भड़का रहे थे उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही हैः एहतेशाम हाशमी, राजनीतिक विश्लेषक
HIGHLIGHTS
- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की VC डॉ संगीता श्रीवास्तव ने लिखी चिट्ठी
- प्रयागराज पुलिस और प्रशासन को लिखी शिकायती चिट्ठी
- कुलपति ने अजान पर नहीं बल्कि लाउडस्पीकर पर सवाल उठाए