मंगलवार रात एक और सायबर अटैक ने यूक्रेन की बड़ी कंपनियों, एयरपोर्ट्स और सरकारी विभाग के कंप्यूटरों को हैक कर अपने शिकंजे में जकड़ लिया। इसके अलावा इस नए सायबर अटैक जिसे रैनसमवेयर पैट्या कहा जा रहा है, ने दुनिया को हिला कर रख दिया और यूरोप के कई देश इस सायबर हमले का शिकार हुए हैं।
भारत का सबसे बड़ा शिपिंग पोर्ट जवाहर लाल पोर्ट (जेएनपीटी) भी इस सायबर अटैक का शिकार हुआ और पोर्ट के ऑपरेशन्स रोक दिए गए।
क्या है रैनसमवेयर सायबर अटैक?
दरअसल यह एक तरह का वायरस है। यह वायरस आपके सिस्टम को लॉक कर देता है (एनक्रिप्ट) और कंप्यूटर अनलॉक करने के लिए फिरौती मांगता है। यह आपकी फाइल्स को एनक्रिप्ट कर देता है। यानि की आपकी फाइल्स लॉक हो जाती है और आप इन्हें पढ़ नहीं पाएंगे।
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इन्हें पढ़ने के लिए एनक्रिप्शन डिकोड करना होता है और इसे करने के लिए यह आपसे पैसे की मांग करता है। रैनसमवेयर साइबर अटैक बिटकॉन में भुगतान मांगता है।
नया नहीं है यह साइबर अटैक
हालांकि पहले भी रैनसमवेयर अटैक हो चुके हैं। इसके ज़रिए साइबर अटैक करने के लिए पहले हैकर्स दूसरे देश में एकाउंट बनाते थे और हैक कंप्यूटर को खोलने की कीमत उस एकाउंट में जमा करने के बाद ही कंप्यूटर अनलॉक करते थे लेकिन अब हैकर्स भुगतान बिटकॉइन में मांगने लगे हैं।
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रैनसमवेयर वॉनाक्राई का शिकार हुए थे 150 देश
मई महीने में रैनसमवेयर वॉनाक्राई सायबर अटैक ने दुनिया के150 देशों को अपना शिकार बनाया था। इस सायबर अटैक ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था।
इस हमले का शिकार भारत भी हुआ था और तीसरा सबसे बड़ा शिकार देश बना था।
कैसे हुआ था रैनसमवेयर वानाक्राइ हमला?
रैनसमवेयर वानाक्राई हमले ने दुनिया के 150 देशों में लाखों कंप्यूटरों को हैक कर लिया था। यह माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते थे। वानाक्राई रैनसमवेयर ने 1 दिन में लाखों कंप्यूटर लॉक कर दिए गए।
रैनसमवेयर मांगता है फिरौती
पिछली बार वानाक्राई अटैक ने 300 डॉलर की फिरौती मांगी थी। जोकि 3 दिन में जमा करनी थी। यह रकम बिटकॉइन में चुकानी होती है।
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ऐसे चलता है पता
रैनसमवेयर जब अटैक करता है तो एक मैसेज स्क्रीन पर आता है जिसमें लिखा होता है कि आपकी फाइलें एनक्रिप्ट कर दी गई हैं। अपनी फाइल्स दोबारा पाने के लिए इतने बिटकॉइन्स का भुगतान करें। इस मैसेज में भुगतान का समय दिया होता है और काउंटडाउन चल रहा होता है।
अगर तय समय में भुगतान नहीं किया जाता तो समय की सीमा थोड़ी बढ़ा दी जाती है लेकिन साथ ही रकम भी दोगुनी कर दी जाती है। अगर इस बार भी रकम का भुगतान नहीं किया जाता तो फाइल्स डिलिट कर दी जाती है।
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'रैनसमवेयर' साइबर हमले के ख़तरे
1- टेरर फाइनेंसिग: इससे आतंकवादी गतिविधियां बढ़ने का डर है। आतंकवादी हैकर्स को हायर कर ऐसे अटैक करा सकते हैं जिसका मकसद पैसा उगाही कर आतंक फैलाना संभव हो सके।
2- राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरा: रैनसमवेयर सिक्योरिटी थ्रेट पैदा कर सकता है। जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था ख़तरे में पड़ सकती है।
3- 'डिजिटल इंडिया' और 'कैशलेस इंडिया' मुहिम को झटका: केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाएं कैशलेस इंडिया और डिजिटल मूमेंट के लिए यह एक बड़ा ख़तरा है। नोटबंदी के बाद सरकार की कोशिश भारत को कैशलेस बनाने की है लेकिन ऐसे में बढ़ते साइबर अटैक सरकार की इन कोशिशों को झटका लगा सकता है।
4- वित्तीय संकट: इन अटैक्स के चलते बैंकों को भी निशाना बनाया जा सकता है। ऐसे में देश की फाइनेंशियल व्यवस्था चरमरा सकती है।
कैसे बचें?
1- ऐसे ख़तरों से बचने के लिए एक नेशनल एनक्रिप्शन पॉलिसी बनाने की ज़रुरत है।
2- डिजिटल इस्तेमाल के साथ ही लोगों को साइबर सिक्योरिटी के प्रति जागरुक करने की भी ज़रुरत है।
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इलाज से बेहतर है बचाव
1- कंप्यूटर का सर्वर और मैसेज ब्लॉक करें
2- माइक्रोसॉफ्ट का लेटेस्ट पैच इनस्टॉल करें
3- डेटा ऑफलाइन हार्टवेयर में स्टोर कर लें
4- विंडो अपडेट्स इनस्टॉल करें
5- अच्छा विश्वसनीय सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करें
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HIGHLIGHTS
- यह एक तरह का वायरस है जो आपके सिस्टम को लॉक कर देता है
- कंप्यूटर अनलॉक करने के लिए फिरौती मांगता है।
- अटैक के बाद स्क्रीन पर एक मैसेज आता है कि फाइलें एनक्रिप्ट कर दी गई हैं।
Source : Shivani Bansal