भारत-चीन सीमा पर क्या है विवाद, जानें आसान भाषा में

भारत और चीन के बीच एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर कुछ दिनों से जारी तनाव मंगलवार के दिन और बढ़ गया. सोमवार को गलवान घाटी (Galwan Ghati) पर भारतीय सैनिक और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए. इस झगड़े में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत दो जवान शहीद हो गए.

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Yogendra Mishra
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China Border

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

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भारत और चीन के बीच एलएसी(लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर कुछ दिनों से जारी तनाव मंगलवार के दिन और बढ़ गया. सोमवार को गलवान घाटी पर भारतीय सैनिक और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए. इस झगड़े में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत दो जवान शहीद हो गए. हालांकि, बीजिंग ने उलटे भारत पर घुसपैठ करने का आरोप लगाया है. एएफपी के मुताबिक, बीजिंग का आरोप है कि भारतीय सैनिकों ने बॉर्डर क्रॉर्स करके चीनी सैनिकों पर हमला किया. आइए जानते हैं कि भारत और चीन के बीच आखिर सीमा का क्या विवाद है.

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भारत चीन बॉर्डर की कुल लंबाई 3488 किमी है. ये सीमाएं जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुज़रती है. जम्मू-कश्मीर में 1597, अरुणाचल से 1126 किमी, सिक्किम से 200 किमी, उत्तराखंड से 345 किमी और हिमाचल प्रदेश से 200 किमी की सीमा जुड़ती है.

इन सीमाओं को तीन सेक्टरों में बांटा गया है. पश्चिमी सेक्टर यानी जम्मू-कश्मीर, मिडिल सेक्टर यानी हिमाचल और उत्तराकंड और पूर्वी सेक्टर में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं.

ITBP करती है रक्षा

भारत चीन सीमा की रक्षा ITBP करती है. पश्चिमी, पूर्वी और मिडिल सेक्टर पर बॉर्डर सुरक्षा के लिए आईटीबीपी ने कुल 173 बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) बनाये हैं. पश्चिमी सेक्टर (जम्मू कश्मीर) में 35 बीओपी, पूर्वी सेक्टर (सिक्किम,अरुणाचल) में 67 बीओपी और मिडिल सेक्टर (हिमाचल,उत्तराखंड) में 71 बीओपी बनाए गए हैं.

इन क्षेत्रों पर चीन का दावा

भारत पश्चिमी सेक्टर में अक्साई चीन पर अपना दावा करता है, जो फ़िलहाल चीन के नियंत्रण में है. भारत के साथ 1962 के युद्ध के दौरान चीन ने इस पूरे इलाके पर कब्जा कर लिया था. पूर्वी सेक्टर में चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है. चीन कहता है कि ये दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है.

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चीन तिब्बत और अरुणाचल प्रदेश के बीच की मैकमोहन लाइन को भी नहीं मानता है. चीन कहता है कि 1914 में जब ब्रिटिश भारत और तिब्बत के प्रतिनिधियों ने ये समझौता किया था, तब वो वहां मौजूद नहीं था. उसका कहना है कि तिब्बत उसका हिस्सा रहा है इसलिए वो ख़ुद कोई फैसला नहीं ले सकता.

Source : News Nation Bureau

India China Relation galwan ghati Indo-China Border
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