दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल के नंबर 2 में रखा जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, सीएम इस सेल में अकेले रहेंगे. आपको बता दें कि सीएम केजरीवाल ने कोर्ट से उन्हें विशेष आहार देने की गुहार लगाई है. इससे पहले आपने कई नेताओं और अपराधियों को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किए जाने या कैद किए जाने की खबरें सुनी होंगी. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि इस तिहाड़ जेल का इतिहास क्या है? तिहाड़ जेल, भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है.
इसलिए नाम पड़ा तिहाड़
देश के आजाद होने के 10 साल बाद राजधानी दिल्ली में तिहाड़ जेल की नींव 1957 में रखी गईं. इस जेल को दिल्ली के तिहाड़ के गांव के पास बनाई गई थी इसलिए इस जेल का तिहाड़ पड़ा. कैदियों की बढ़ती संख्या देख इस जेल का तेजी से विस्तार हुआ और आज तिहाड़ गांव के पूरे इलाके में ये जेल फैल गया और आज की तारीख में यहां कोई गांव नहीं है. तिहाड़ जेल को तिहाड़ आश्रम से भी जाना जाता है. आपको बता दें कि तिहाड़ भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा जेल है.
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किसने बदली तिहाड़ की सूरत
देश की राजधानी दिल्ली में होने के कारण यह जेल अन्य राज्यों की तुलना में काफी एडवांस है. यह लगभग 400 एकड़ में फैला हुआ है. इस जेल की सुरक्षा की बात करें तो 1000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. इस जेल के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है. जैसा कि हमने आपको बताया, इस जेल को आश्रम भी कहा जाता है क्योंकि यहां बंद कैदियों को सुधारा जाता है और उन्हें बताया जाता है कि अगर वे अपनी सजा काटकर यहां से बाहर जाए तो एक बेहतर इंसान बने.
उनमें आत्मविश्वास जैसे गुणों का विकास करने के लिए गाइड किया जाता है. वहीं इस जेल को सुधारगृह में बदलने का श्रेय देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को जाता है. उन्होंने जेल में कई ऐसे सुधार किए, जिससे अंदर कैदियों का जीवन काफी आरामदायक हो गया.
Source : News Nation Bureau