भयंकर गर्मी ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ कर रख दिये है. आसमान से बरस रही आग का असर हर जगह दिखाई दे रहा है. ग्लोबल वार्मिंग के कारण तेज़ी से ग्लेशियर्स पिघल रहे है. उत्तर भारत मे फिलहाल अभी मानसून ने दस्तक नहीं दी है, लेकिन उसके बावजूद तेज़ी से पिघल रहे ग्लेशियर्स के कारण पहाड़ो से पानी मैदानों में आ रहा है. भाखड़ा डैम की बात की जाए तो यहां भी जलस्तर बढ़ रहा है. 13 जून 2024 की सुबह 6:00 बजे दर्ज किए गए आंकड़ों के हिसाब से भाखड़ा बांध के पीछे बनी गोविंद सागर झील जलस्तर 1584.21 फुट था. गोविंद सागर झील में इनफ्लो 23140 क्यूसेक और आउटफ्लो 22905 क्यूसेक है और नंगल डैम से केवल 4500 क्यूसेक पानी छोड़ा सतलुज नदी में छोड़ा गया.
सुबह 8:00 बजे 1000 क्यूसेक पानी नंगल डैम से छोड़ा गया. फिर एक एक घंटे बाद एक 1000 क्यूसेक पानी नंगल डैम से छोड़ा गया. सतलुज दरिया में पहले से ही 640 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. 4500 क्यूसेक पानी नंगल डैम से छोड़ा गया. अलग-अलग लोकल खड्डा का पानी मिलाकर 27.000 क्यूसेक के करीब हो जाता है. प्रशासन की ओर से सतलुज दरिया किनारे बसे लोगों को अपील की गई है कि वह दरिया के करीब ना जाए क्योंकि पानी का लेवल किसी समय भी बढ़ सकता है.
बीबीएमबी मैनेजमेंट ने अपनी सहयोगी राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब में धान की फसल की मांग को पूरा करने के लिए अपने पहले से ही तय कार्यक्रम के तहत नांगल डैम से सतलुज दरिया में सुबह के 6 बजते ही पानी छोडऩा शुरू कर दिया था और दोपहर 12 बजे तक 4000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और पानी छोडऩे का यह क्रम तब तक जारी रहेगा जब तक भरपूर बारिश नहीं हो जाती. अगर सहयोगी राज्यों की मांग और बढ़ी तो पानी की मात्रा बढ़ाई भी जा सकती है. इस बात की पुष्टि खुद डायरेक्टर वाटर रैगुलेशन राजीव कुमार गोयल ने करते हुए कहा कि इससे किसी को डरने की जरूरत नही है क्यों कि छोड़े जाने वाली पानी फल्ड का पानी नहीं है. लेकिन साथ ही उन्होने सतलुज दरिया के किनारे बसे ग्रामीणों खास कर बच्चों को सचेत रहने की अपील की. उन्होने कहा कि नंगल डैम से दोनों नेहरे फुल चल रही हैं.
नंगल हाईडल नहर में 10150 क्यूसेक और आंनदपुर साहिब हाईडल नहर में 12350 क्यूसेक फिलहाल 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और इस से अधिक वहां पानी नहर में नहीं छोड़ा जा सकता. अगर सहयोगी राज्यों की मांग बढ़ती है. तो पानी सतलुज दरिया में ही छोड़ा जाता है और अधिक से अधिक 7 हजार क्यूसेक तक ही छोड़ा जाएगा. उन्होने कहा बेशक इस बार भाखड़ा डैम में बीते वर्ष के मुकाबले लगभग 17 फीट पानी इस समय अधिक है. वही खतरे के निशान से अभी भी 100 फीट कम है और आज सुबह से पानी की आमद इनफ्लो 22905 क्यूसेंक के साथ भाखड़ा बांध का जलस्तर 1584.21 फीट तक ही पंहुचा है .
Source : News Nation Bureau