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भयानक गर्मी की चपेट में भारत, बन रही वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थिति, जानें इसके बारे में सबकुछ

देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को भारत के उत्तरी हिस्से के लिए 'रेड' अलर्ट जारी किया है.

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Sourabh Dubey
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wet bulb temperature

wet bulb temperature( Photo Credit : social media)

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देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को भारत के उत्तरी हिस्से के लिए 'रेड' अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिम उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 28 मई तक लू से भीषण लू की स्थिति जारी रहने की संभावना है. IMD ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हीटवेव की स्थिति के लिए 'पीला' अलर्ट भी जारी किया है. इसके साथ ही आर्द्रता का स्तर भी गड़बड़ा रहा है, जिससे वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थिति बन रही है. 

वेट-बल्ब तापमान क्या है?

हालांकि आप में से कई लोग ऐसे होंगे, जिन्हें वेट-बल्ब टेंपरेचर का मतलब नहीं मालूम होगा. तो चलिए आपको इस बारे में बताते हैं... दरअसल वेट-बल्ब टेंपरेचर न सिर्फ तपमान, बल्कि कई अन्य चीजों, जैसे- आर्द्रता से जुड़ा होता है. गर्मी और आर्द्रता का संयोजन लोगों को बहुत अधिक जोखिम में डालती है, जोकि लोगों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक हो जाती है. 

कितना गर्म बहुत गर्म होता है?

वैज्ञानिक और जानकारों की मानें तो, इस तापमान में सबसे बड़ी चिंता उच्च आर्द्रता के साथ अत्यधिक गर्मी का होना है. माना जाता है कि, 95 F (35 C) का वेट-बल्ब तापमान - 100% आर्द्रता पर 95 F के तापमान के बराबर, या 50% आर्द्रता पर 115 F के तापमान के बराबर है. इससे ऊपर मानव शरीर अपना तापमान मेंटेन नहीं कर सकता है.

फेफड़ा, हृदय, किडनी के फेल होने का बढ़ जाता है खतरा

बता दें कि, इससे शरीर के कूलिंग सिस्टम फेल होने लगता है. शरीर के जरूर अंगों जैसे- हृदय, फेफड़ा, किडनी के फेल होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. लिहाजा ऐसे समय में जितना हो सके, खुद का ध्यान रखना जरूरी है. 

Source : News Nation Bureau

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