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कैसे बनेगा आपका परिवार साइबर अपराधी? AI की मदद से जालसाजों ने खोज निकाली नई तकनीक

क्या आप साइबर क्राइम से अवगत हैं? क्या आप जानते हैं कि साइबर अपराधी हर दिन ठगी का तरीका बदल रहे हैं. अब साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका खोजा है. जिसमें आप फंस जाएंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा.

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Ravi Prashant
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AI के मदद से हो रहा है फर्जीवाड़ा( Photo Credit : SOCIAL MEDIA)

हैल्लो पापा, मेरा फोन खो गया है, हमारा पर्स भी चोरी हो गया है. मैंने किसी और के नंबर से कॉल किया है, मैं आपको नंबर बता रहा हूं, इस पर पैसे भेज दीजिए. अरे पापा जी रुक जाइए ऐसा नहीं करना है. क्या आपने पैसे भेज दिए??? अगर कोई आपके नंबर पर आपके बेटा, आपका पति, आपकी पत्नी की आवाज में आपसे पैसे की मांग करता है और ऑनलाइन भेजने की बात कहता है तो बिल्कुल देने से मना कर दीजिए. अगर आप गलती से भी ऐसी गलती करते हैं तो आपके खाते से एक पल में सारे पैसे गायब हो जाएंगे.

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जैसे-जैसे इंटरनेट की दुनिया हाईटेक होती जा रही है. ठीक उसी तरह इस इंटरनेट की दुनिया में साइबर अपराधी भी हाईटेक तरीके अपनाकर लोगों को निशाना बना रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे साइबर ठग आपकी आवाज से आपको अपने जाल में फंसा रहे हैं.

आपका बेटा या कोई और रिश्तेदार बनकर करेगा कॉल

इस खेल को अंजाम देने के लिए एक पूरा प्रोसेस होता है. साइबर अपराधी आपका दोस्त बनकर आपको सीधे कॉल करते हैं. जब आप कॉल करते हैं तो इस दौरान आपकी आवाज रिकॉर्ड हो जाती है. जब ये आपको दोस्त कहकर कॉल करते हैं तो महज तीन सेकेंड में आपकी आवाज रिकॉर्ड कर लेते हैं और एआई की मदद से कई मैसेज तैयार कर लेते हैं. और यही से शुरू होता है सारा खेल. कुछ इस तरह से... मम्मी क्रेडिट घर पर रह गया है, आप क्रेडिट कार्ड का डिटेल्स भेजिए.

मां को यकीन हो जाएगा

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अब इससे होगा ये कि मां को लगेगा कि हमारे बेटे ने फोन किया है इसलिए जल्दी से सारी जानकारी शेयर कर देते हैं, लेकिन ऐसा करने से आप क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग होना शुरू हो जाएंगे, आपके कार्ड से पैसें निकाल लिए जाएंगे. हमने आपको एक उदाहरण इसलिए दिया है क्योंकि साइबर अपराधियों ने कई तरह के वॉयस मैसेज तैयार कर लिए हैं. कभी वो आपकी पत्नी बन सकता है तो कभी वो आपका पिता बन सकता है. इसलिए जब कोई आपको अपना दूसरे नंबर से कॉल करे तो सबसे पहले उसके पर्सनल नंबर पर कॉल करें. इसके बाद जांच करे कि क्या वाकई में बेटा को क्रेडिट कार्ड का डिटेल्स चाहिए था? फिर कोई निर्णय लें. 

75 फीसदी लोग नहीं पहचान पाए आवाज

हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक, 75 फीसदी लोग क्लोनिंग वॉइस यानी आपकी आवाज और डुप्लीकेट आवाज को नहीं पहचान पाए. भारत में ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं जबकि अमेरिका, चीन और यूरोप में कई लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं. इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर कोई आपके पर्सनल नंबर से आपको कॉल करे तो ही उस पर विश्वास करें. कई बार ऐसा होता है कि लोग मुसीबत में पड़ जाते हैं और कॉल करते हैं तो ऐसे में आप पहले अपने रिश्तेदार के पर्सनल नंबर पर एक बार कॉल करें और फिर फैसला लें.

Source : News Nation Bureau

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