Advertisment

चलती ट्रेन में दोनों पायलट सो जाए तो... क्या ट्रेन हादसा होना तय?

अगर चलती ट्रेन में लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट सो जाए तो क्या होगा? कभी आपने सोचा है? इस खबर में हम आपको विस्तार से जानकारी देंगे.

author-image
Ravi Prashant
एडिट
New Update
New Jalpaiguri Railway Station

रेल हादसा( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस के बीच जोरदार टक्कर हो गई है, जिसमें अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. अब तक की जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी है. जानकारी ये भी सामने आई है कि ट्रेन के लोको पायलट ने सिग्नल को नजरअंदाज कर दिया था. रेलवे बोर्ड की चेयरमैन जया वर्मा सिंहा ने बताया कि आज कंचनजंगा ट्रेन का एक्सीडेंट हो गया है. इस ट्रेन को एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी है. अब तक जानकारी सामने आई है कि यह लोको पायलट की लापरवाही थी, जो सिग्नल देखना भूल गया. इसी वजह से ये भयानक हादसा हुआ है.

आखिक किसकी लापरवाही?

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इस घटना में लोको पायलट की लापरवाही है. साथ ही सवाल यह भी उठता है कि वह इतनी बड़ी गलती कैसे कोई कर सकता है? क्या लोको पायलट सो गया था? क्या लोको पायलट झपकी ले रहा था? आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि अगर लोको पायलट को नींद आ जाए या झपकी आ जाए क्या होगा? अब आपके माइंड में सवाल आ रहा होगा कि एक्सीडेंट ही होगा औऱ क्या हो सकता है? तो चलिए आपको विस्तार से बताते हैं. 

लोको पायलट की स्थिति खराब हो जाए तो क्या होगा?

बता दें कि ट्रेन में हमेशा दो पायलट होते हैं, जिनमें से एक लोको पायलट और दूसरा सहायक लोको पायलट होता है. लोको पायलट ट्रेन की समग्र स्थिति को बनाए रखता है. यानी आसान भाषा में समझे कि ट्रेन के ऊपर सारा कमांड लोको पायलट का होता है. जब लोको पायलट को नींद आने लगती है या झपकी आती है तो वह अपनी नींद पूरी करता है और तब तक की जिम्मेदारी सहायक लोको पायलट को दे देता है. अगर कोई आपातकालीन स्थिति क्रिएट होती है, तो सहायक पायलट लोको पायलट को नींद से जगाता है. साथ ही तबीयत खराब होने पर असिस्टेंट लोको पायलट अगले स्टेशन तक ट्रेन की कमान संभलता है. अब सवाल तो ये भी है कि दोनों पायलट सो जाए तो क्या होगा?

ये भी पढ़ें- कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे को लेकर सियालदह स्टेशन पर हेल्पलाइन बूथ बनाया, बचाव अभियान जारी

जब दोनों पायलट सो जाए तो क्या होगा?

तो चलिए घबराने की कोई बात नहीं है. रेलवे ने इसके लिए बेहद खास सिस्टम तैयार किया है. इसके लिए रेलवे ने ट्रेन के इंजन में विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस लगाया है. ट्रेन के इंजन में लगा यह उपकरण इस बात का ख्याल रखता है कि अगर दोनों पायलट एक मिनट तक प्रतिक्रिया नहीं करते हैं तो 17 सेकेंड के अंदर ऑडियो विजुअल इंडिकेशन आ जाता है. ड्राइवर को एक बटन दबाकर इसे स्वीकार करना होता है. अगर पायलट संकेत का जवाब नहीं देता है, तो 17 सेकंड के बाद स्वचालित ब्रेकिंग शुरू हो जाती है.

Source : News Nation Bureau

West Bengal Accident railway accident Kanchenjunga Express Accident New Jalpaiguri Railway Station New Jalpaiguri Railway Accident
Advertisment
Advertisment
Advertisment