पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली (Arun Jaitely)की हालत बेहद नाजुक है. एम्स (AIMS) में डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर से हटाकर ईसीएमओ पर शिफ्ट किया है. ईसीएमओ का प्रयोग फेफड़ों के काम नहीं करने की स्थिति में ब्लड सर्कुलेशन को पंप करने के लिए किया जाता है. इसकी मदद से शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है. अरुण जेटली (Arun Jaitely)बीजेपी के नेता और जीएसटी को लागू कराने वाले वित्तमंत्री के रूप में जाने जाते हैं. वो अक्सर ब्लॉग लिखते हैं और उनका अपना वेब पेज भी है. जेटली ने अपने वेब पेज पर कई सारी पुरानी बातों को शेयर किया है. इमरजेंसी के दौरान उन्हें सजा हुई और इसे उन्होंने अपनी साइट पर कुछ इस तरह से लिखा है...
Jan 10 1975 सबसे काला अध्याय
जेटली कहते हैं, "आपातकाल लागू करना हमारे लोकतंत्र में अब तक का सबसे काला अध्याय है. नागरिक स्वतंत्रता के निलंबन ने ब्रिटिश राज की कट्टर मानसिकता का प्रतिनिधित्व किया. हर सही सोच वाले नागरिक की तरह, मैंने इस घोर अलोकतांत्रिक कदम के खिलाफ आवाज उठाई. मैं 26 जून 1975 के शुरुआती घंटों में गिरफ्तारी से बच गया और उस दिन आपातकाल के खिलाफ पहला विरोध प्रदर्शन किया और गिरफ्तार किया गया. मुझे तिहाड़ जेल में 19 महीने कैद की सजा हुई. जेल में दिनों ने मेरे सामने जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया, जैसा कि मैंने विविध पीछे के क्षेत्रों से आए लोगों के साथ बातचीत की. इसने मुझे मानव मन के काम करने के लिए एक निश्चित अंतर्दृष्टि प्रदान की, जो मुझे अपने बाद के जीवन में अच्छी स्थिति में खड़ा करेगा."
Jan 10 1976 आम चुनावों में भूमिका
जेटली कहते हैं, "1977 के आम चुनावों ने कांग्रेस को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा और पहली बार, देश में एक विश्वसनीय विपक्ष के लिए जगह बनाई, जिससे हमारी राजनीति में एकतरफावाद का अंत हुआ. मैंने पूरे देश में चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया. मैं जनता पार्टी के प्रचार के लिए गठित लोकतांत्रिक युवा मोर्चा का राष्ट्रीय संयोजक था."
Source : दृगराज मद्धेशिया