पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत नाजुक है जिसके चलते उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया है। एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। पिछले 9 हफ्तों से एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से पीएम मोदी कई बार हॉस्पिटल मिलने पहुंचे। बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी और पीएम मोदी दोनों ने ही अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsewak Sangh- RSS) में स्वयंसेवक के तौर पर की थी।
अप्रैल 1990 में भारतीय जनता पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना शुरू हो गयी थी। गुजरात 1995 में बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए अहम मानी जाने वाली सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथ यात्रा की जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी को सौंपी गई। जिसका पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर भी फायदा मिला। नरेंद्र मोदी ने मुरली मनोहर जोशी की एकात्म यात्रा में भी अपना योगदान दिया था। कहा जाता है कि 1995 के गुजरात चुनाव में उनकी इस रणनीति ने वोटरों को काफी प्रभावित किया।
गुजरात में बीजेपी को जैसे ही जीत मिली नरेंद्र मोदी को पार्टी का महामंत्री बना दिया गया जिसके बाद वो अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने दिल्ली में पार्टी कार्यालय पहुंचे। यह वीडियो अटल जी की नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान लिया गया था।
इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेंद्र मोदी को लाड के साथ गले लगाया। इस मुलाकात के बाद नरेंद्र मोदी को हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में पार्टी की गतिविधियों की जिम्मेदारी सौंप दी गई। यह वीडियो फेसबुक के Atal Bihari Vajpayee फैन पेज पर पोस्ट की गई है, जिसे 30 हजार से ज्यादा लोगों ने देख लिया है।
आपको बता दें कि मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय BJP नेता का एक ही गुर्दा काम कर रह था। 2009 में उन्हें स्ट्रोक आया था, जिसके बाद उनकी सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो गई थी। बाद में वह डिमेंशिया से भी पीड़ित हो गए। जैसे-जैसे उनकी सेहत गिरती गई, धीरे-धीरे उन्होंने खुद को सार्वजनिक जीवन से दूर कर लिया।
वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री रहे। वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही रह पाई। 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीनों तक चली थी। 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया।
वह 5 साल का पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं। वह बीते एक दशक से अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से सक्रिय राजनीति से दूर हैं।