बात 2001 की है जब कांग्रेस के दिग्गज नेता माधव राव संधिया का प्लेन क्रैश हो गया था. उस वक्त नरेंद्र मोदी दिल्ली में ही रहा करते थे. जिस विमान क्रैश में कांग्रेस नेता माधव राव सिंधिया का निधन हुआ था, उसमें एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी. एक ओर जहां माधव राव सिंधिया के अंतिम संस्कार में जाने वाले नेताओं की भीड़ थी, वहीं पत्रकार के अंतिम संस्कार में गिने-चुने लोग ही पहुंचे थे. बताया जाता है कि जिस पत्रकार की मौत हुई थी, उसका नाम गोपाल था.
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माधव राव सिंधिया के अंतिम संस्कार की वजह से गोपाल के दाह-संस्कार में नेताओं की मौजूदगी नहीं दिखी थी. ये बात जब नरेंद्र मोदी को पता चली तो उन्हें खराब लगा. इसके बाद नरेंद्र मोदी माधव राव सिंधिया के अंतिम संस्कार में न जाकर वे पत्रकार के अंतिम संस्कार में शरीक होने गए. अपने भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी इस घटना का जिक्र करते हुए कहते हैं कि यह बात उन्हें बहुत खली थी और इसी वजह से वह पत्रकार के अंतिम संस्कार में शामिल हो ने गए थे.
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जब नरेंद्र मोदी पत्रकार के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट में मौजूद थे, तभी उन्हें उस वक्त के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का फोन आया. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेंद्र मोदी को फोन किया और बोले- कहां हो... इस पर नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया कि 'मैं अभी श्मशान घाट हूं'. ये सुनते ही अटल जी हंस पड़े और बोले- तुम श्मशान में हो मैं अभी क्या बात करूं. इस पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपने फोन किया तो जरूर कोई काम होगा, इस पर अटल जी बोले कि कितने बजे लौटोगे और श्मशान में क्यों हो? इसके बाद नरेंद्र मोदी ने पूरा वाकया बताया.
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इस तरह से नरेंद्र मोदी जब श्मशान में ही थे, तभी वाजपेयी का उन्हें फोन आया और उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री बनाने की सूचना दी. हालांकि, वह इस प्रस्ताव को फोन पर ही स्वीकार कर चुके थे, बावजूद वह रात को अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने उनके आवास पर गए. इस तरह से उस एक फोन कॉल के बाद नरेंद्र मोदी 2001 में पहली बार गुजरात के सीएम बने.
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