जब पीएम मोदी-ट्रंप बात कर रहे थे तब दंगों में झुलस रहे थे लोग, जानें विदेशी मीडिया ने दिल्‍ली दंगों पर क्‍या कहा

दिल्‍ली की हिंसा को विदेशी मीडिया प्राथमिकता से प्रभावित कर रहा है. कहीं हिंसा के पीछे बीजेपी का हाथ बताया जा रहा है तो कहीं दिल्‍ली पुलिस की नाकामी पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

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Sunil Mishra
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दिल्‍ली हिंसा की वीभत्‍स तस्‍वीर( Photo Credit : Twitter)

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राजधानी दिल्‍ली ने 1984 के बाद सबसे बड़ी हिंसा (Delhi Violence) का दंश झेला है. 21वीं सदी में हुई इस तरह की हिंसा से देश का सिर शर्म से झुक गया है. ऐसे में विदेशी मीडिया को भारत के खिलाफ बड़ा मौका हाथ लगा है. ऐसे समय में जब देश 5 ट्रिलियन डॉलर (5 Trillion Dollar Economy)  की इकोनॉमी के सपने पूरे करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है, तब इस तरह की हिंसा हमें सदियों पीछे की ओर ले जाती है, जिससे हुए नुकसान की भरपाई शायद ही कभी हो पाए. दिल्‍ली की हिंसा को विदेशी मीडिया प्राथमिकता से प्रभावित कर रहा है. कहीं हिंसा के पीछे बीजेपी का हाथ बताया जा रहा है तो कहीं दिल्‍ली पुलिस की नाकामी पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. आइए जानते हैं दिल्ली हिंसा पर दुनिया के चार बड़े अखबारों ने क्‍या लिखा :

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न्यूयॉर्क टाइम्स, अमेरिका: जब ट्रम्प व मोदी बात कर रहे थे, तब हजारों लोग हिंसा में झुलस रहे थे
न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स लिखता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दिल्‍ली में मौजूदगी के दौरान ही वहां दंगा शुरू हो गया था. कई इलाकों में हुई हिंसा में दर्जन भर से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं. ट्रम्प और पीएम नरेंद्र मोदी की बातचीत के दौरान हजारों लोग हिंसा का सामना कर रहे थे. सड़कों पर पेट्रोल बम और गोलियां चल रही थी और भीड़ वाहनों पर हमले कर रही थी. बड़ी संख्या में पत्रकार और पुलिस के जवान भी घायल हुए.

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CNN, अमेरिका: भीड़ आग लगा रही थी, पुलिस देख रही थी
भारत में नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा में कई लोग जान गंवा चुके हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत पहुंचे, तभी यह हिंसा शुरू हुई पुलिस आंसू गैस छोड़ रही थी, फिर भी दो समुदाय एक-दूसरे पर पथराव कर रहे थे. भीड़ दुकानों-पेट्रोल पंपों में आग लगा रही थी और पुलिस सिर्फ देख रही थी. राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पुलिस को नाकामयाब बता रहे हैं, इसलिए सेना को बुलाया जाना चाहिए.

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गार्जियन, ब्रिटेन: दिल्‍ली में दशक की सबसे बड़ी धार्मिक हिंसा, कई लोग बेघर हुए
ब्रिटेन का अखबार गार्जियन लिखता है, भारत की राजधानी दिल्ली में भड़की यह दशक की सबसे बड़ी धार्मिक हिंसा है. हिंदूओं की भीड़ ने मुस्लिमों के घरों और कई मस्जिदों पर हमला किया. रविवार को हिंसा तब भड़की, जब हिंदू और मुस्लिम समूह एक-दूसरे के सामने आ गए. बुधवार की रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ मुस्लिमों के घरों में लूटपाट भी हुई है. कई लोग बेघर हो गए हैं. 200 से ज्यादा लोग गोलीबारी में घायल हुए हैं.

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BBC, ब्रिटेन: हिंदू-मुस्लिमों की बीच हिंसा से दिल्ली में स्थिति तनावपूर्ण
दिल्ली में हिंसा से माहौल तनावपूर्ण है. लगातार तीसरे दिन भीड़ ने मुस्लिम लोगों के घरों और दुकानों को निशाना बनाया. यह राजधानी में इस दशक की सबसे बड़ी हिंसा है. यह हिंसा रविवार शाम को तब शुरू हुई, जब CAA समर्थक और विरोधी एक-दूसरे से भीड़ गए.

Source : News Nation Bureau

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