भारत और चीन के बीच हुई 13वें दौर की बात लग रही है कि फेल हो चुकी है क्योंकि सीमा पर अभी भी तनाव बना हुआ है. एक्सपर्ट का मानना है कि आगे ऐसी संभवनाएं हैं कि पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा पर टकराव हो सकता है. क्योंकि सीमा पर चीन सेना की तैनाती करता जा रहा है. जिससे उसकी योजना पर भरोसा नहीं किया जा सकता. और वहीं अगर चीन की बात करें तो चीन का हमेशा के जैसे यही मानना है कि सीमा पर तनाव के लिए भारत ही जिम्मेदार है. मीडिया रिपोर्ट में ये खबर सामने आई है कि आने वाले समय में गलवान जैसी घटनाएं फिर हो सकती हैं. आने वाला समय ठंड का है, जिससे भारतीय सैनिकों को मुश्किलों का सामना हो सकता है. चीन भी अपने रुख से बदलता नजर आ रहा है.
लंबे समय से नहीं बन रही बात
आपको बता दें कि अप्रैल से ही पूर्वी लद्दाख में हालत ठीक नहीं चल रहे हैं. इसके लिए दोनों देश कई लेवल पर काम कर रहे हैं. एक तो सैन्य स्तर पर, दूसरा राजनायकों के लेवल पर और आखिर में वार्ता. लेकिन कहीं भी बात नहीं बन पा रही है. अगर समय की बात करें तो इसका समय करीब 20 महीने से भी ज्यादा का हो चुका है. हालांकि पैंगोंग त्सो और गोगरा पोस्ट में सैना की हलचल में कमी आई है, लेकिन हॉट स्प्रिंग्स, डेपसांग और डेमचोक में अभी भी सैना को लेकर हलचल तेज हो रही है. रिपोर्ट के अनुसार इस ठंड में हो सकता है कि एक बार फिर दोनों देश सीमा के किनारे की ओर बढ़ें, लेकिन भारत की सेना सभी हालतों का सामना करने को तैयार है.
क्या है भारत का रुख
भारत के सुझावों को चीन ने अपनी मंजूरी नहीं दी जिससे जल्द से जल्द ये मसला सुलझे. चीन का मानना है कि भारत की मांगें बेबुनियाद हैं. भारत के राजदूत गौतम बंबावाले जो कि बीजिंग में हैं, उन्होंने भी माना है कि चीन के साथ रिश्ते पिछले डेढ़ साल से ज्यादा खराब हुए हैं. साथ ही ऐसा लगता है कि आगे भी खराब ही रहने वाले हैं.
HIGHLIGHTS
- सीमा पर चीन सेना की तैनाती करता जा रहा है
- आने वाले समय में गलवान जैसी घटनाएं फिर हो सकती हैं
- अप्रैल से ही पूर्वी लद्दाख में हालत ठीक नहीं चल रहे हैं
Source : News Nation Bureau