भारत में 16 जनवरी से कोरोना के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हो रहा है. पहले चरण में सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई जाएगी. ऐसे में आम लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि उन्हें वैक्सीन कब लगाई जाएगी? लोग लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं. सरकार अगले छह से आठ महीनों में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ भारत में 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना बना रही है, जिसकी शुरुआत फ्रंटलाइन वर्कर्स से होगी.
सबसे पहले किसे मिलेगी वैक्सीन
1. स्वास्थ्य कर्मचारी: सार्वजनिक और निजी
कोरोना वैक्सीन (COVID-19) वैक्सीन प्रशासन के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (NEGVAC) द्वारा की गई सिफारिशों के मुताबिक ये वैक्सीन सबसे पहले सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में काम करने वाले लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारियों को दिया जाएगा. इन स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों को आगे उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है - फ्रंटलाइन स्वास्थ्य और एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS)कार्यकर्ता, नर्स और पर्यवेक्षक, चिकित्सा अधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ, सहायक कर्मचारी और छात्र. उसी का डेटा सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं से एकत्र किया गया है और कॉइन (CoWIN)में फीड जा रहा है.
2. फ्रंटलाइन वर्कर्स और नगरपालिका कार्यकर्ता
फ्रंटलाइन वर्कर्स में सभी राज्य और केंद्रीय पुलिस विभाग, सशस्त्र बल, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा संगठन, जेल कर्मचारियों, नगरपालिका के श्रमिकों और राजस्व अधिकारियों से जुड़े लगभग दो करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, COVID-19 के नियंत्रण में लगे हुए हैं. इनके अलावा राज्य सरकार और रक्षा, गृह, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालयों से जुड़े श्रमिकों को भी इस चरण में सम्मिलित किया जाएगा.
3. 50 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या
इस श्रेणी में आने वाले लोगों को भी दो भागों में बांटा गया है. पहली श्रेणी 60 साल से ऊपर और दूसरी 50 से 60 साल के बीच की है. इन लोगों की पहचान लोकसभा और विधानसभा चुनाव की सबसे अपडेट लिस्ट से किया जाएगा .
4. हाई COVID-19 संक्रमण वाले क्षेत्र
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहचान किए गए प्राथमिकता वाले समूहों के लिए रोलआउट की प्राथमिकता चरणबद्ध करने के लिए सामान्य लचीलापन होगा. और वह भी NEGVAC द्वारा तय किए गए डाटा के अनुसार पहचाने गए भौगोलिक क्षेत्रों में जहां COVID-19 संक्रमण का प्रचलन अधिक है.
आम लोगों को कब लगेगी वैक्सीन?
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साफ कर दिया गया है कि पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही वैक्सीन दी जाएगी. इसके बाद सरकार ने देश के करीब 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की रूपरेखा तैयार की है. हालांकि आम लोगों को वैक्सीन के लिए अभी कम से कम अगले छह महीने तक का इंतजार करना होगा. यह भी साफ हो गया है कि वैक्सीन को किसी निजी अस्पताल में लगाने की इजाजत फिलहाल नहीं दी जा रही है. सरकार वैक्सीन के काम को अपनी देखरेख में ही अंजाम देगी. आम लोगों के लिए जुलाई तक वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है.
CoWIN वेबसाइट पर स्व-रजिस्टर
वर्तमान में आम लोग कोरोनावायरस महामारी के लिए शुरू हो रही वैक्सीन के लिए पंजीकरण नहीं करा सकते हैं क्योंकि फिलहाल इस तक पहुंच अधिकारियों के पास ही है. एक बार जब ऐप लाइव हो जाएगा और प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा तो इसके 4 मॉड्यूल होंगे-यूजर एडमिनिस्ट्रेटर मॉड्यूल, लाभार्थी पंजीकरण, टीकाकरण-स्वीकृति और स्टेटस अपडेशन. एक बार लाइव होने के बाद कोविन ऐप या वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के विकल्प मिलेंगे जिसमें सेल्फ रजिस्ट्रेशन, इंडीविजुअल रजिस्ट्रेशन और बल्क अपलोड शामिल होगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐप लाइव होने पर लोगों को इसमें पंजीकरण कराने के लिए फोटो पहचान पत्र अपलोड करना होगा. जरूरी दस्तावेजों में आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट या जॉब कार्ड मान्य होंगे. आम लोगों को वैक्सीन के लिए कितनी कीमत चुकानी होगी इसकी अभी जानकारी नहीं दी गई है. CoWIN प्रणाली में सत्र प्रबंधन (session management) के लिए जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा. वे लाभार्थियों को सत्र और साइट आवंटन के लिए मंजूरी देंगे. CoWIN में एक इनबिल्ट मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग तंत्र होगा.
कैसे होगा रजिस्ट्रेशन
सरकारी फोटो पहचान अपलोड करें या आधार प्रमाणीकरण (Authentication) करें. प्रमाणीकरण बायोमेट्रिक्स, ओटीपी या जनसांख्यिकीय के माध्यम से हो सकता है. एक बार पंजीकृत होने के बाद, टीकाकरण के लिए एक तारीख और समय आवंटित किया जाएगा. मौके पर कोई पंजीकरण नहीं होगा और केवल पूर्व पंजीकृत लाभार्थियों को टीकाकरण के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी.
Source : News Nation Bureau