मुंबई आतंकी हमले को आज 12 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक इन हमलों के मास्टरमाइंड आतंकियों के आकाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की है. आज 'देश की बहस' टीवी डिबेट में शो में हम वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया के साथ 'मुंबई हमलों के गुनहगारों को पाकिस्तान कब देगा सजा?' विषय पर टीवी डिबेट के दौरान आए हुए मेहमानों के साथ चर्चा की.
26/11/2008 को सीएसटी पर दो आतंकी आए थे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थीः संदीप खिरटकर
जब हम लोगों ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग शुरू की तो वो लोग भाग गए, वो हमें कायर ही दिखाई दे रहे थेः संदीप खिरटकर
क्योंकि निर्दोषों की हत्या करने वाले जब जवाबी कार्रवाई हुई तो मैदान छोड़कर भागने लगे ऐसा काम कायर ही करते हैंः संदीप खिरटकर
ये लातों के भूत हैं ये बातों से नहीं मानेंगे इनके लिए सर्जिकल स्ट्राइक ही बेहतर विकल्प हैः अनिल जैन, दर्शक
खान साहब की बात सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया हैः मारुति माधव फड़
ये आतंकी जब मेरे सामने आए तो मुझे लगा कि ये स्कूली छात्र हैं लेकिन ये जब फायरिंग करने लगे तो मैं समझा कि ये आतंकी हैंः मारुति माधव फड़
बिलकुल बदला लेना चाहिए और इन्हें पता चलना चाहिए कि ये किस भारत से भिड़ रहे हैंः शगुन अरोड़ा
ये न्यू इंडिया है जिसके ऊपर को ईंट मारेगा तो हम पत्थर से जवाब देने के लिए तैयार बैठे हैंः शगुन अरोड़ा
आप बताइए कि 93 हजार सैनिक एक साथ आत्मसमर्पण कर दें ऐसा कभी सुना है आपनेः केके सिन्हा,रक्षा विशेषज्ञ
जब एक विदेशी पत्रकार ने पूछा की आपकी 8 यूनिट से ज्यादा संख्या थी जबकि मुकाबला 4 यूनिट के लोगों से था फिर भी आप लोग आत्मसमर्पण कर गएः केके सिन्हा
इसे कहते हैं डूब मरना जब ये कारगिल में अपने जवानों के शव ही लेकर नहीं गए इसे कहते हैं डूब मरनाः केके सिंह
मैंने इन आतंकियों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की लेकिन वो भाग गएः मारुति माधव फड़
तभी पुलिस के जवानों ने इन्हें घेरा और इनके चारो ओर से फायरिंग की इस दौरान इन आतंकियों ने मेरे ऊपर भी फायरिंग कीः मारुति माधव फड़
आप ये जो मेरा हाथ देख रहे हैं इस फायरिंग में मेरी तीन अंगुलियां हमेशा के लिए कट गईंः मारुति माधव फड़
निर्दोषों की हत्या करने वाले मैदान छोड़कर भागने लगे तो उसे कायर ही कहते हैं : संदीप खिरटकर
हाफिज सईद पर पकड़ी गई पाकिस्तान की चोरी, क्या पीएम मोदी दिलाएंगे मुंबई को इंसाफ? मुंबई को पाकिस्तान से 'बदले' का इंतजार. इन मुद्दों पर संदीप खिरटकर ने कहा, 26/11/2008 को सीएसटी पर दो आतंकी आए थे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी. जब हम लोगों ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग शुरू की तो वो लोग भाग गए. वो हमें कायर दिखाई दे रहे थे. निर्दोषों की हत्या करने वाले मैदान छोड़कर भागने लगे तो उसे कायर ही कहते हैं.
पाकिस्तान लातों का भूत है, उसे सर्जिकल स्ट्राइक का डोज देना ही बेहतर विकल्प : अनिल जैन
हाफिज सईद पर पकड़ी गई पाकिस्तान की चोरी, क्या पीएम मोदी दिलाएंगे मुंबई को इंसाफ? मुंबई को पाकिस्तान से 'बदले' का इंतजार. इन मुद्दों पर दर्शक अनिल जैन ने कहा, पाकिस्तान लातों का भूत है, ऐसे नहीं मानेगा. इसे सर्जिकल स्ट्राइक का डोज देना ही बेहतर विकल्प है.
जिन्हें मैं स्कूली छात्र समझ रहा था, वे गोली चलाने लगे तो पता चला ये आतंकी हैं : मारुति माधव फड़
हाफिज सईद पर पकड़ी गई पाकिस्तान की चोरी, क्या पीएम मोदी दिलाएंगे मुंबई को इंसाफ? मुंबई को पाकिस्तान से 'बदले' का इंतजार. इन मुद्दों पर मारुति माधव फड़ ने कहा, ये आतंकी जब मेरे सामने आए तो मुझे लगा कि ये स्कूली छात्र हैं लेकिन ये जब फायरिंग करने लगे तो मैं समझा कि ये आतंकी हैं. मैंने आतंकियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की लेकिन वो भाग गए. तभी पुलिस ने आतंकियों को घेरा और फायरिंग की. आतंकियों ने मुझपर भी फायरिंग की, जिसमें मेरे हाथ की तीन अंगुलियां हमेशा के लिए कट गईं.
यह न्यू इंडिया है जिसपर कोई ईंट मारेगा तो हम पत्थर से जवाब देंगे : शगुन अरोड़ा
हाफिज सईद पर पकड़ी गई पाकिस्तान की चोरी, क्या पीएम मोदी दिलाएंगे मुंबई को इंसाफ? मुंबई को पाकिस्तान से 'बदले' का इंतजार. इन मुद्दों पर शगुन अरोड़ा ने कहा, पाकिस्तान से बिलकुल बदला लेना चाहिए और इन्हें पता चलना चाहिए कि ये किस भारत से भिड़ रहे हैं. यह न्यू इंडिया है जिसके ऊपर कोई ईंट मारेगा तो हम पत्थर से जवाब देने के लिए तैयार बैठे हैं.
93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया था, इसे कहते हैं डूब मरना : केके सिन्हा
हाफिज सईद पर पकड़ी गई पाकिस्तान की चोरी, क्या पीएम मोदी दिलाएंगे मुंबई को इंसाफ? मुंबई को पाकिस्तान से 'बदले' का इंतजार. इन मुद्दों पर रक्षा विशेषज्ञ केके सिन्हा ने कहा, 93 हजार सैनिक एक साथ आत्मसमर्पण कर दें, ऐसा कभी सुना है आपने. जब एक विदेशी पत्रकार ने पूछा कि आपकी 8 यूनिट से ज्यादा संख्या थी जबकि मुकाबला 4 यूनिट के लोगों से था फिर भी आप लोग आत्मसमर्पण कर गए. ये लोग तो कारगिल में अपने जवानों के शव ही लेकर नहीं गए. इसे कहते हैं डूब मरना.
Source : News Nation Bureau