निर्भया (Nirbhaya) के गुनहगारों को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में फांसी (Hanging) पर लटकाकर पवन जल्लाद अपने घर में ताला डालकर कहीं गायब हो गया है. उसका परिवार फांसी से एक दिन पहले ही पड़ोसियों को बिना बताए कहीं चला गया था. शुक्रवार को पुलिस (Police) पवन को छोड़ने उसके घर गई थी. उसके बाद पड़ोसियों से बात किए बिना वह घर में बंद हो गया था. इसके बाद सुबह होते ही फिर से घर में ताला डालकर कहीं चला गया. पवन जल्लाद के ऐसा करने के पीछे बड़ी वजह मानी जा रही है.
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इससे पहले पवन जल्लाद ने बताया था कि रात एक बजे से फांसी की तैयारी शुरू हो जाती है. फांसी देने के एक-डेढ़ घंटे पहले गुनहगारों से नजरें मिलने शुरू हो जाती हैं. उनके चेहरों पर काले कपड़े डालना, पैरों को रस्सी से बांधना, गले में फंदा पहनाने होते हैं.
पवन जल्लाद के अनुसार, '5 घंटे का यह काम दिमाग पर इतना हावी हो जाता है कि फांसी देने के बाद कई दिनों तक वहीं सीन घुमता रहता है. एक-एक करके वहीं वाकया याद आते रहता है. क्या बताऊं कि कैसे-कैसे मंजर दिखते हैं. सच पूछो तो इसके बाद किसी से बात करने का मन नहीं करता है.
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पवन के एक पड़ोसी ने बताया, पुलिस की गाड़ी उन्हें लेकर आई थी. रात करीब 11 बजे वो घर आए थे. साथ ही यह कहकर भी गए थे कि तीन-चार दिन तक किसी से कोई बात नहीं करना. अपने घर में ही रहना. दो दिन पहले उनका परिवार भी यहां से चला गया. आज सुबह उनका बेटा आया था और फिर दोनों कहीं चले गए. पड़ोसी ने बताया, उसका पुराना घर भगवत पुरा भूमिया पुल के पास है. जब वो पहले भी तिहाड़ जेल जाते थे वो उन्हें वहां बताया जाता था कि फांसी होने के बाद कुछ दिन तक किसी से मिलना-जुलना नहीं है. बता दें कि मेरठ में पवन जल्लाद का घर लोहिया नगर, कांशीराम दलित आवासीय योजना में है.
Source : News Nation Bureau