किसान नेता और स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने नागरिकता संशोधित कानून (CAA) और एनआरसी को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पहले एनपीआर और फिर उसके बाद एनआरसी ला कर देश से मुसलमानों को बाहर निकालने की योजना बनाई है. योगेंद्र यादव इस वीडियो में बाकायदा पांचों अंगुलियों पर गिनवाकर एक भड़काऊ स्पीच दे रहे थे.
योगेंद्र यादव ने ने उंगलियों पर गिन कर सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ इस वीडियो में स्पीच दी, आपको बता दें कि इस वीडियो की वजह से जनता में एनपीआर, एनआरसी और सीएए पर जनता को भ्रमित किया. इसके बाद इस वीडियो में योगेंद्र यादव ने आगे कहा कि अप्रैल के महीने में कोई सरकारी कर्मचारी या स्कूली शिक्षक आएंगे, जो आपका नाम, आपका जन्मस्थान, आपके माता-पिता के जन्मस्थान, आपका आधार नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस वगैरह जैसी जानकारी मांगेंगे.
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गृहमंत्री अमित शाह ने एनपीआर पर दिया था जवाब
वहीं गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में विपक्ष को जवाब देते हुए बताया कि, मैं फिर से दोहरा रहा हूं कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के लिए किसी भी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी. पूछी गई सभी जानकारी वैकल्पिक है. किसी को भी एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है. इसमें कोई भी 'डी' (संदिग्ध) श्रेणी नहीं होगी.गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि, मैं एक बार फिर से अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों को दोहराता हूं कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के मुद्दे पर गलत प्रचार किया जा रहा है. यह अधिनियम किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं है, बल्कि नागरिकता देने के लिए है. शाह ने आगे कहा कि यह सरकार के ऊपर निर्भर है कि वो आपको इस बात की जानकारी दे या न दे इसको लेकर आप लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है.
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शाह ने दिल्ली दंगों पर उच्च सदन में विपक्ष को दिया जवाब
शाह ने उच्च सदन में दिल्ली के कुछ भागों में हाल की कानून और व्यवस्था की स्थिति पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार दंगों से जुड़े मामलों की वैज्ञानिक, प्रामाणिक तरीके से जांच कर रही है. मामलों की तेजी से जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि दंगा करने वाला व्यक्ति किसी भी पक्ष, किसी धर्म, किसी पार्टी या किसी जाति का हो, उसको छोड़ा नहीं जाएगा एवं किसी के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा.