28 सितंबर की आधी रात को भारतीय सेना के स्पेशल पैरा कमांडोज ने जम्मू कश्मीर में एलओसी के पार जाकर POK में घुसकर 50 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया और उनके 7 लॉन्चिंग पैड तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी खासियत ये रही कि पैरा कमांडोज ने ना तो पाकिस्तान सरकार को इसकी भनक लगने दी और ना ही पैरा कमांडोज के यूनिट को कोई नुकसान पहुंचा। ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद 25 पैरा कमांडोज पूरी तरह सुरक्षित भारतीय सीमा में लौट गए जिसके बाद देश विदेश में इनकी बहादुरी की चर्चा हो रही है। आम लोगों से लेकर नेता तक इनकी बहादुरी की मिशालें दे रहे हैं। क्या आप जानते हैं कैसे ये जवान इंसान से बन जाते हैं फौलाद ?
जानिए पैरा कमांडोज के बारे में 15 INTRESTING FACTS
1. पैरा कमांडोज भारतीय थल सेना का सबसे ताकतवर दस्ता है। इसमें सेना के तीनों अंगों से यानि की थल सेना, जल सेना, और एयरफोर्स से जवान चुनकर लिए जाते हैं।
2. 10 हजार जवानों में से किसी एक जवान को ही पैरा कमांडोज बनने का मौका मिलता है।
3.चुने हुए जवानों को हिमाचल के नाहन में तीन महीने की बेहद कड़ी और असाधारण ट्रेनिंग दी जाती है।
4.ट्रेनिंग के दौरान जवानों को 20 किलो वजन अपनी पीठ पर लादकर 70 किलोमीटर दौड़ना होता है, इन जवानों को बिना ऑक्सीजन के आसमान से छलांग लगानी पड़ती है, रस्सी के सहारे आसमान में उड़ना होता है।
5.इनकी ट्रेनिंग कितनी कड़ी होती है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ट्रेनिंग के दौरान दुश्मनों के हमले से बचने के लिए उनपर असली गोलियां चलाई जाती है।
6.ट्रेनिंग के दौरान इन जवानों को कई-कई हफ्तों तक सोने नहीं दिया जाता। इन्हें कई दिनों तक भूखे रखा जाता है ताकि जंगल जैसे इलाकों में भी ये कई दिनों तक बिना खाए और सोए लड़ सकें।
7.ट्रेनिंग इतनी कड़ी होती है कि तीनों सेना से चुने गए जवानों में 75 फीसदी अपनी ट्रेनिंग पूरी नहीं कर पाते और एक छोटी सी गलती होने पर भी इन्हें ट्रेनिंग से बाहर निकाला दिया जाता है।
8.पैरा कमांडोज के देश में करीब 11 यूनिट हैं। हर यूनिट में 120-130 जवान होते हैं। 8 स्पेशल फोर्स यानि एसएफ यूनिट है। अनुमान के मुताबिक पैरा कमांडोज यूनिट में 4500 जवान होते हैं।
9.पैरा कमांडोज की तैनाती कब और कहा होगी इसका कभी खुलासा नहीं किया जाता है। और ना ही इनकी सही संख्या कभी बताई जाती है।
10. इन कमांडोज को सबसे खतरनाक और अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराए जाते हैं ताकि दुश्मनों पर ये कहर बनकर टूट पड़ें।
11. पैरा कमांडोज बनने के लिए तीनों सेना से 18-23 साल तक के जवान अपनी मर्जी से आवेदन करते हैं और 27 साल के होते ही इन्हें अपने मूल यूनिट में दोबारा भेज दिया जाता है।
12.पाकिस्तान से 1965 में युद्ध के ठीक एक साल बाद 1966 में इसका गठन किया गया था।
13. एसएफ यूनिट में करीब 1000 हजार जवान होते हैं जो मैदान और रेगिस्तान में लड़ाई के लिए ट्रेंड होते हैं वहीं एयरबोन यूनिट के जवान पहाड़ और ग्लैशियर में लड़ाई के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं।
14. किसी भी स्पेशल ऑपरेशन के लिए निर्देश इन्हें दिल्ली स्थित डीजीएमओ से ही सीधे दिए जाते हैं।
15.तीनों सेनाओं के जवान कभी अपने शरीर पर टैटू नहीं बनवा सकते लेकिन पैरा कमांडोज को इस नियम से छूट मिली हुई है।
Source : कुणाल कौशल