Kargil Vijay Diwas 2022: कारगिल के युद्ध (Kargil War)को भला कौन भूल सकता है ? आज इस युद्ध (Kargil War)को 23 साल हो चुके हैं. आज ही के दिन देश ने इस युद्ध में विजय पताका लहराई थी. ये युद्ध ठंडे इलाके में लड़ा गया क्योंकि वहां सर्दियों में तापमान काफी ज्यादा बढ़ ज्यादा, जिसके चलते लोग उस जगह को खाली कर देते हैं और इसी का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान ने देश में घुसपैठ कर दी थी. हालांकि यह पहली दफा नहीं था, जब पाकिस्तान ने अपनी नापाक हरकतों को अंजाम दिया था. पाकिस्तान आज भी ऐसी कायरता का प्रर्दशन करता रहता है. लेकिन भारत ना कल हारा था ना आज हारा है, जिसका एक उदाहरण कारगिल का युद्ध (Kargil War)भी है.
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आपको बता दें कि 3 मई 1999 ये वो तारीख है जब हिन्दुस्तान को इस घुसपैठ का पता चला. दरअसल, कुछ स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना के लोगों को इसके बारे में बताया था. इसके बाद शुरू हुआ तनाव और संघर्ष 84 दिन चला. 84 दिन बाद 26 जुलाई 1999 को भारत को जीत मिली. 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल का यह युद्ध तकरीबन दो माह तक चला, जिसमें 527 वीर सैनिकों की शहादत देश को देनी पड़ी. 1300 से ज्यादा सैनिक इस जंग में घायल हुए पाकिस्तान के लगभग 1000 से 1200 सैनिकों की इस जंग में मौत हुई.
भारतीय सेना ने अदम्य साहस से जिस तरह कारगिल युद्ध (Kargil War) में दुश्मन को खदेड़ा, उस पर हर देशवासी को गर्व है. हिमाचल प्रदेश की वीर भूमि में जन्मे 52 वीर सैनिकों ने भी इस युद्ध (Kargil War)में शहादत का जाम पिया. इन्हीं में से कुछ नाम ऐसे भी हैं, जिनकी वीर गाथा आज भी हर प्रदेश वासी की जुबान पर है. देश की रक्षा के लिए जिन्होंने अपनी जान दी थी, उनके बलिदान को देश आज भी याद करता है.