Advertisment

CAA पर सुप्रीम कोर्ट में किसने दी क्या दलील, सुनवाई की 10 बड़ी बातें

नागरिकता कानून को लेकर दायर 140 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम बिना सभी को (केंद्र सरकार) सुने कोई आदेश पारित नहीं करेंगे. जानिए कोर्ट में किस पक्ष की ओर से क्या दलीलें दी गईं...

author-image
Kuldeep Singh
New Update
CAA पर सुप्रीम कोर्ट में किसने दी क्या दलील, सुनवाई की 10 बड़ी बातें

सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर सुनवाई करते हुए फिलहाल इस पर किसी भी तरह की रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कपिल सिब्‍बल ने कोर्ट से गुजारिश की कि जब तक नागरिकता कानून पर कोर्ट कोई अंतिम निर्णय निर्देश नहीं देता, NPR प्रकिया को तीन महीने के लिए टाल दिया जाए. नागरिकता कानून को लेकर दायर 140 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम बिना सभी को (केंद्र सरकार) सुने कोई आदेश पारित नहीं करेंगे. जानिए कोर्ट में किस पक्ष की ओर से क्या दलीलें दी गईं...

यह भी पढ़ेंः CAA: संविधान पीठ में जा सकता है CAA का मामला, सुप्रीम कोर्ट का स्टे लगाने से भी इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा:-

  1. सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संसोधन कानून पर रोक लगाने से इनकार किया, यानि सरकार कानून के अमल को लेकर आगे बढ़ सकती है. 
  2. कोर्ट ने कहा- केंद्र सरकार को सुने बिना कोर्ट रोक का कोई अंतरिम आदेश पास नहीं करेगा. SC ने अलग-अलग हाईकोर्ट को इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करने से रोक लगाई. 
  3. कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया. SC ने संकेत दिए कि आगे मामला सुनवाई के लिए संविधान पीठ को सौंपा जा सकता है. 
  4. असम, त्रिपुरा से जुड़ी याचिकाओं पर अलग से सुनवाई होगी. कोर्ट ने कहा कि इनसे जुड़े मामले और समस्याएं अलग हैं. 

याचिकाकर्ताओं की ओर से सिब्बल, सिंघवी, विकास सिंह की दलील

  1. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सभी वकीलों ने क़ानून के अमल पर रोक की मांग की. कपिल सिब्बल ने कहा- हम सीधे-सीधे कानून पर स्टे नहीं मांग रहे लेकिन अभी कानून के क्रियान्वयन की प्रकिया को स्थगित किया जा सकता है क्योंकि एक बार नागरिकता देकर उसे वापस नहीं लिया जा सकता.
  2. अप्रैल में शुरू होने वाली NPR की प्रकिया तीन महीने के लिए रोक लगाने की मांग की. कपिल सिब्बल ने कहा कि आप पहले ये तय कर लीजिए कि मामला संविधान पीठ को सौंपा जा रहा है. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने नागरिकता देनी शुरू कर दी है. 40 हजार लोगों के नाम केंद्र को भेजे जा चुके है. वहां नाम के आगे टिक/ क्रोस लगाने का काम शुरू हो चुका है. उहापोह की स्थिति बन गई है. अगर 70 सालों से ये अभी तक प्रकिया नहीं हुई तो अगर कुछ और दिन इसे रोक दिया जाता है, तो इसमें दिक्कत क्या है.
  3. वकील विकास सिंह- SC को रोक का अंतरिम आदेश भेजना चाहिए. असम की स्थिति देखिए, भारी संख्या में बांग्लादेश से आये लोगों के चलते वहां जनसंख्या अनुपात बिगड़ जाएगा. 

सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल और सॉलीसीटर जनरल की दलील

  1. याचिकाकर्ताओं की ओर से स्टे की मांग का विरोध किया. कहा- एक बार नागरिकता दिये जाने के बाद भी उसे वापस लिया जा सकता है.
  2. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कुल 144 याचिकाएं दाखिल हुई हैं. अभी तक सिर्फ 60 याचिकाएं हमें मिली हैं. उन पर हम आज जवाब दाखिल कर रहे है. सभी याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए 6 हफ्ते का वक्त चाहिए.
  3. इस मामले में 140 से ज्यादा याचिकाएं पहले ही दाखिल हो चुकी हैं. अब कोई नई याचिका स्वीकार नहीं की जानी चाहिए.

Source : Arvind Singh

CAA Protest caa in supreme court Kapil Sibbal News
Advertisment
Advertisment
Advertisment