Who is Bharat Ratna Chaudhary Charan Singh: भारत के पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में बाबूगढ़ छावनी के पास नूरपुर गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम चौधरी मीर सिंह था. चौधरी चरण सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 27 साल की उम्र में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया. 1940 में सत्याग्रह आन्दोलन के दौरान वे जेल भी गये. जब 1952 में आम चुनाव हुए तो कांग्रेस सरकार में चौधरी चरण सिंह को राजस्व मंत्री बनाया गया. इसके बाद से ही चौधरी चरण सिंह का राजनीति में ग्राफ काफी मजबूत होने लगा.
राजस्व मंत्री से प्रधानमंत्री तक का सफर
1967 में वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, हालांकि एक साल बाद ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. लेकिन जब 1970 में विधानसभा चुनाव हुए तो वह दोबारा राज्य के मुख्यमंत्री बने. भारतीय राजनीति में चौधरी चरण सिंह के बढ़ते प्रभाव ने उन्हें देश के गृह मंत्री के पद तक पहुंचाया. इतना ही नहीं वह देश के प्रधानमंत्री भी बने. 28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों और कांग्रेस (यूनाइटेड) के समर्थन से देश के प्रधान मंत्री बने.
जब किसान के भेष में पहुंचें पीएम
जब वह प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने यूपी का दौरा किया क्योंकि उस दौरान किसानों को लेकर काफी समस्याएं आ रही थीं, इसलिए कानून व्यवस्था को समझने और सुधारने के लिए वह खुद भेष बदलकर यूपी के शहरों का दौरा किया. इस दौरे के दौरान एक ऐसी घटना घटी, जो भारतीय राजनीति में किसी राजनेता ने नहीं की थी. आज हम आपको उसी घटना के बारे में बताएंगे कि कैसे किसान के भेष में पूर्व पीएम ने पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी थी.
पुलिस से पूर्व पीएम ने लगाई गुहार
साल 1979 में पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के इटावा के ऊसराहार थाने पहुंचे थे. जब वह पुलिस स्टेशन पहुंचें तो उनके कपड़े पूरी तरह से फटे हुए थे और उनका भेष भी पूरी तरह से बदला हुआ था. उन्होंने पुलिसकर्मियों से थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने का अनुरोध किया. उन्होंने ने कहा-दरोगा साहब, किसी चोर ने हमारी जेब काट ली है. मैं उसकी ही शिकायत लेकर आया हूं और अपनी रिपोर्ट लिखूंगा. इसी दौरान हेड कांस्टेबल की नजर किसान की भेष में आए पूर्व पीएम पर पड़ी जो थाने में टेबल पर पैर फैलाकर बैठा था. पुलिसवाले ने पूछा कि तुम कहां से हो और तुम्हारा जेब कहां कटा है.
35 रुपये में दर्ज हुआ FIR
इस पर उन्होंने कहा कि मैं मेरठ का रहने वाला हूं. यहां इटावा में मैं अपने एक रिश्तेदार के घर आया था, यहां से बैल खरीदने के लिए पैसे लेकर आया था, लेकिन रास्ते में किसी ने मेरी जेब काट ली. यह सुनकर पुलिस वाला हैरान हो गया और बोला, इतनी दूर आये हो? हम कैसे यकीन कर सकते हैं कि जेब काट ली गई है? पुलिसकर्मी ने रिपोर्ट लिखने से इंकार कर दिया है. वह थाने में उदास बैठ गए, तभी एक सिपाही आता है और कहता है कि 35 रुपये लगेंगे, आप पैसे दे दीजिए, रिपोर्ट लिख दी जाएगी. पूर्व पीएम इस पर सहमत हुए.
पूरे थाने को कर दिया सस्पेंड?
रिपोर्ट लिखी गई और जब हस्ताक्षर करने की बारी आई तो पुलिस कर्मियों ने किसान से हस्ताक्षर करने के लिए कहा ताकि वह अपना अंगूठा लगा सके, लेकिन पूर्व पीएम ने अपनी जेब से मुहर निकाली और रिपोर्ट पर मुहर लगा दी. जैसे ही रिपोर्ट पर मुहर लगाई तो पुलिसकर्मी ये देखकर हैरान रह गए कि मुहर किसकी है? मुहर पर लिखा हुआ था चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री, भारत सरकार. यह देख पुलिस कर्मियों के हाथ-पांव फूलने लगे. इसके बाद पूर्व पीएम ने अपने असली रूप में आते हुए पूरे थाने के स्टाफ को सस्पेंड कर दिया.
Source : News Nation Bureau