देशभर में सोशल मीडियो पर फिलहाल एक ही वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें अनगिनत नोटों के बंडल से भरी कई अलमारियां नजर आ रही हैं. दरअसल ये नजारा शुक्रवार का है, जब आयकर विभाग की टीम कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू से जुड़े तमाम ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. इन छापेमारियों को ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में किया जा रहा है, जहां से अबतक करीब 200 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद हो चुकी है.
बता दें कि बीते बुधवार को शुरू हुई छापेमारी और नोटों की गिनती, आज शुक्रवार को भी लगातार जारी है. इसी बीच आयकर विभाग द्वारा लाई गई नोट गिनने की मशीनें भी धीरे-धीरे काम करना बंद कर रही है. खबरों की मानें तो, आयकर विभाग द्वारा जब्त कुल रकम ₹200 करोड़ से भी ज्यादा है, जिसे ओडिशा के बलांगीर जिले में बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड के परिसर में मौजूद अलमारियों में छिपाकर रखा गया था. वहीं इसके साथ ही साथ, ओडिशा के संबलपुर और सुंदरगढ़, झारखंड के बोकारो और रांची में भी आयकर विभाग ने दबिश दी है.
कौन हैं धीरज साहू? वह इस छापेमारी से कैसे जुड़ा है?
ऐसे में यहां सवाल उठता है कि आखिर धीरज साहू है कौन? तो बता दें कि झारखंड से कांग्रेस राज्यसभा सासंद धीरज प्रसाद साहू, असल में बौध डिस्टिलरीज की एक समूह कंपनी, बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से जुड़ा हुआ है.
गौरतलब है कि साल 2010 से धीरज साहू झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं, उनका परिवार बीते लंबे कई समय से कांग्रेस से जुड़ा है. बता दें कि इसके साथ ही धीरज साहू एक बिजनेसमैन भी हैं.
पीएम मोदी ने ली कांग्रेस की चुटकी...
बता दें कि खुद पीएम मोदी ने भी इस मामले का जिक्र करते हुए, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधा है. पीएम मोदी ने अपने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, "देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के 'भाषणों' को सुनें... जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है." इसके साथ ही पीएम मोदी ने तीन हंसने वाले इमोजी का भी इस्तेमाल किया था, जिसे कांग्रेस पर तंज के तौर पर देखा जा रहा है.
वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस पर बयान देते हुए कहा कि, "गिनती अभी भी जारी है, जबकि गिनती की मशीनें खराब हो गई हैं, अधिकारी थक गए हैं, और उन बेहिसाब नकदी को रखने के लिए बैग की कमी है, लेकिन भंडारण कभी खत्म नहीं होता है. कांग्रेस, भ्रष्टाचार और कैश पर्यायवाची हैं."
Source : News Nation Bureau