कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) इन दिनों खबरों का हिस्सा बने हुए हैं. वो खुद को मां काली का भक्त बताते हैं. वो लाल वस्त्र धारण करते हैं. इसके साथ ही माथे पर लाल बिंदी लगाते हैं. इस समय वो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी के चलते लगातार खबरों में बने हुए हैं. कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj)का असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है, जो मूलरूप से महाराष्ट्र के अकोला के शिवाजीनगर के रहने वाले हैं. इनके पिताजी धनंजय सराग की अकोला के जयन चौक में मेडिकल शॉप है. बचपन में इन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था. इसी कारण इनको इंदौर अपने मौसी के घर पर रहना पड़ा था. ऐसा बताया जाता है कि भय्यू महाराज के खामगांव स्थित आश्रम की व्यवस्थाओं को भी यही संभालते थे. कालीचरण महाराज की पढ़ाई महज आठवीं कक्षा तक हो पाई थी. उसके बाद वह पढ़ नहीं पाए थे. मगर इनके करीबी बताते हैं कि इन्होंने धर्मग्रंथों का गहन अध्ययन किया है.
यह भी जानें - चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस को बड़ा झटका, बाजवा के भाई और सिद्धू के नजदीकी विधायक BJP में शामिल
आपको बता दें, हिंदी भाषा के अलावा मराठी भी अच्छी तरह जानते हैं. इसके साथ ही वो राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. महाराज जी (Kalicharan Maharaj)अकोला में पार्षद के लिए निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं. मगर उनको जीत नहीं हासिल हुई थी. वहीं सोशल मीडिया पर उनके गाये हुए शिव तांडव स्त्रोत ने खूब सुर्खियां बटोरीं थी.